मिशन वात्सल्य एवं बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर हुआ आयोजन

– जवाहर नवोदय विद्यालय बिरखडी रौन में कार्यक्रम आयोजित

भिण्ड, 29 जनवरी। सर यदि कोई व्यक्ति हमारे फोटो के साथ छेडछाड करके अथवा किसी वीडियो में एडिटिंग करके हमें परेशान करे या हमसे ही गलती से अपनी कोई निजी तस्वीर की जानकारी किसी को शेयर कर दें और बाद में वह हमें परेशान करें तो क्या कर सकते हैं, आपको बिल्कुल भी डरना नहीं है, आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई का जमाना है, किसी के फोटो अथवा वीडियो से छेडछाड करके कुछ भी किया जा सकता है, फोटो में किसी का चेहरा होगा, किसी का आवाज होगी, किसी के एक्सप्रेशन होंगे, कुछ भी संभव है, इसलिए यदि कोई भी व्यक्ति आपकी फोटोस, वीडियो अथवा कोई भी निजी जानकारी के साथ छेडछाड करके आपको परेशान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में बिल्कुल डरें नहीं, घबराएं नहीं अपितु भारत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल पर उसकी रिपोर्ट करें और सामने वाले व्यक्ति को भी बता दें कि परेशान करना बंद करें और आप उनकी शिकायत कर रहे हो। यह कार्यक्रम मिशन वात्सल्य एवं बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर मिशन शक्ति के तहत जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन के संयुक्त रूप से कलेक्टर संजीव कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास संजय कुमार जैन के निर्देशन में जवाहर नवोदय विद्यालय बिरखडी रौन में आयोजित कार्यक्रम में उक्त बात कही गई।
प्रत्येक जिले में एसपी ऑफिस में एक साइबर क्राइम का विंग होता है आप लिखित में भी अपनी शिकायत साइबर क्राइम विंग को कर सकते हैं। आप इस बात से बिल्कुल भी मत डरें कि जो एडिटेड फोटो अथवा वीडियो है, वह किसी स्तर पर शेयर करके आपके सम्मान को कोई नुकसान होगा ऐसा नहीं है, एआई से सब कुछ संभव है इसलिए किसी भी प्रकार से आपको बिल्कुल भी घबराकर, डरकर कोई गलत कदम नहीं उठाना है। घटना की जानकारी तत्काल अपने अभिभावकों को बताएं, बाल कल्याण समिति के समक्ष भी शिकायत कर सकते हैं, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, 100 पुलिस और सीधे एसपी ऑफिस, जिला प्रशासन को भी शिकायत कर सकते हैं। किसी भी स्तर पर आपको डरना नहीं है और माता-पिता से कोई भी बात से छिपानी नहीं है, उक्त बात बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बालिकाओं की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए मिशन वात्सल्य के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही। साथ ही बालिकाओं द्वारा पूछा गया कि सर सबसे ज्यादा फ्रॉड सेल फोन और इंटरनेट के माध्यम से ही होते हैं।

बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने बताया कि यह बात बिल्कुल सही है कि इंटरनेट कनेक्टिविटी और ज्यादा कुछ खोजने के चक्कर में हम कुछ गलत कर बैठते हैं एक समय में एक ही ऐप का उपयोग करें, मल्टीटास्किंग ना करें, साथ ही सभी सोशल साइट पर अपनी प्रोफाइल लॉक करके रखें, अनजान व्यक्तियों को ना फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजें, ना उनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करें, फॉलोअर्स बढाने के चक्कर में अक्सर हम यह गलती कर बैठते हैं, इसके साथ ऐसा कोई भी फोटो, वीडियो डाटा, अपने फोन में स्टोर ना करें जिसको निजी समझते हैं, पासवर्ड सामान्यतरू याद करके रखें अथवा किसी दूसरी जगह घर पर डायरी में जिस पर आपकी पहुंच है और जो सुरक्षित है उसमें लिखकर रखें। फोन में डाटा स्टोर ना करें इसके साथ ही पब्लिक प्लेस की वाई-फाई का उपयोग कम से कम करें, आपके फोन में पर्याप्त डाटा है, तो उसका उपयोग करिए, थोडे से डाटा के चक्कर में हम किसी भी पब्लिक प्लेस की वाईफाई का उपयोग करके कई सारी परमिशन फोन को दे देते हैं जो बाद में समस्या का सबब बनता है। इस प्रकार साइबर क्राइम और पोक्सो अधिनियम से संबंध में बहुत से छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग से लेखपाल आनंद मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता संजय मिश्रा, जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य बृजेश एवं समस्त स्टाफ एवं सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्राचार्य द्वारा भी छात्रों का उत्साह वर्धन किया गया।
बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने साइबर क्राइम डिजिटल अरेस्ट को भी स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान में और समस्त भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द नहीं है ना ही इस प्रकार की कोई शब्दावली कानून में उपयोग की जाती है, इसलिए इस प्रकार की घटनाओं से बिल्कुल भी ना डरें और ऐसा कोई भी फोन कॉल जो आपको अनजान लगता है, जो आपको आपके फाइनेंशियल मैटर में सलाह देता है उनको रिसीव भी ना करें या ज्यादा देर तक बात न करें, डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं है आप फोन पर घबराएं नहीं और तत्काल पुलिस को उसकी रिपोर्ट करिए। आपको बिल्कुल नहीं डरना है और बार-बार यह बात दोहराई जाती है की माता-पिता से कोई भी बात नहीं छिपानी है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्रों को पोक्सो अधिनियम से तैयार की गई पोक्सो किट, साइबर क्राइम से बचाव हेतु तैयार किया गया साइबर क्राइम कैलेंडर और अन्य प्रशिक्षण सामग्री प्रदान की गई। कार्यक्रम में अंत में क्विज का एक सेशन रखा गया जिसमें सही जवाब देने वाले छात्रों को पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम के अगले चरण में जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ विमेन के तहत केवल लडकियों के लिए माहवारी स्वच्छता का विशेष सत्र रखा गया, फिल्म के माध्यम से व्यक्तिगत स्वच्छता और किशोर अवस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों पर विस्तार से चर्चा की गई सभी बालिकाओं को सेनेटरी पैड प्रदान किए गए और विभिन्न भ्रांतियों को दूर किया गया। इसके साथ बालिकाओं की समस्या और जिज्ञासा का भी समाधान किया गया। अंत में श्री सक्सेना के द्वारा सभी बालिकाओं से अपेक्षा की गई कि इसमें शर्माना, डरना अथवा घबराना जैसा कुछ नहीं है सारी प्राकृतिक प्रक्रिया है इस फेस से सभी को गुजरना होता है कोई भी बात अलग महसूस होने पर तत्काल परामर्श लिया जा सकता है, चिकित्सकीय सलाह ली जा सकती है।