भिण्ड, 11 नवम्बर। मप्र आशा एवं आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ के तत्वावधान में आशा और पर्यवेक्षकों पर आयुष्मान कार्ड बनाने के दवाब और एक हजार की वेतनवृद्धि की राशि के भुगतान सहित अन्य मांगों के निराकरण हेतु सोमवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर के प्रतिनिधि एसडीएम भिण्ड को ज्ञापन सौंपा गया।
आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य जबरन आशाओं पर थोपा जा रहा है। जबकि कंप्यूटर चलाने वाले तकनीकी दक्षता प्राप्त कर्मचारी भी इस कार्य को करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। इसके करण आशा कार्यकर्ताओं के समुदाय से जुडी स्वास्थ्य सेवाएं और मूल कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। आशा का प्रमुख कार्य समुदाय को जागरुक और प्रेरित करना है जबकि आयुष्मान कार्ड बनाना कंप्यूटर से जुडा हुआ कार्य है और आशा कार्यकर्ताओं को ना ही एंड्रॉयड फोन दिए गए हैं, ना ही डेटा दिया गया है। आशा को कोई वेतन तो मिलती नहीं है जो अपना स्वयं का पैसा लगाकर आवश्यक संसाधन खरीदे और विभाग का लक्ष्य पूरा करें। इससे प्रतीत होता है कि जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली आशा और पर्यवेक्षकों का आर्थिक और मानसिक शोषण किया जाता है।
आर्थिक शोषण के तहत 29 जुलाई 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा प्रति वर्ष एक हजार रुपए वेतन वृद्धि की घोषणा की गई थी, जिसका 6 सितंबर 2023 को लिखित आदेश मंत्रालय भोपाल से जारी किया गया था। लेकिन 15 महीने बीत जाने के बाद भी आशा और पर्यवेक्षकों को यह राशि प्राप्त नहीं हुई है। उधर प्रतिमाह मिलने वाली कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि भी कभी समय पर और पूरी नहीं मिलती है। ज्ञापन में संगठन की प्रदेश महामंत्री ममता राजावत, जिलाध्यक्ष प्रियंका, मुन्नीदेवी, रीनादेवी, मोहिनी गुप्ता, अमीना बेगम, सुनीता शर्मा, हीरादेवी, नीलम दोहरे, रामकली कुशवाह आदि आशा कार्यकर्ता सम्मिलित रहीं।