शारदीय नवरात्रा गुरुवार से, जगह-जगह सजेंगे माता के दरबार

– जिलेभर में माता के मन्दिर सज-धज कर हुए तैयार

भिण्ड, 02 अक्टूबर। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तीन अक्टूबर गुरुवार से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है, जो 11 शुक्रवार को दुर्गा नवमी तक नौ दिन चलेगा। जिले के हर नगर और कस्बे में मां दुर्गा की स्थापना की जाती है। इधर भिण्ड शहर में करीब आधा सैकडा स्थानों पर माता के दरबार सजाए जाते हैं। जहां नवमी तक पूजा-अर्चना की जाती है और धूमधाम से झांकियां सजाई जाती हैं तथा भजन कीर्तनों का सिलसिला जारी रहता है। नवरात्रि की तैयारियो को लेकर जिलेभर में माता के मन्दिर को सजा कर तैयार कर लिया गया है।
पं. कौशलेन्द्र मिश्रा ने बताया कि उदया तिथि अनुसार अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा गुरुवार तीन अक्टूबर को घट स्थापना के साथ मां दुर्गा की स्थापना की जाएगी। कलश स्थापना का मुहूर्त कन्या लग्न में सुबह छह बजे से 7.05 बजे तक है। वहीं अभिजीत में मुहूर्त सुबह 11.31 से लेकर दोपहर 12.19 बजे तक है। हस्त नक्षत्र और इन्द्र योग के संयोग में शारदीय नवरात्र तीन अक्टूबर दिन गुरुवार से शुरू हो रहे हैं। इस बार नवरात्र तीन से लेकर 11 अक्टूबर तक है और 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। आदि शक्ति नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की नौ दिन अलग-अलग पूजा होती है। इस दौरान भक्त अपनी सामथ्र्य के अनुसार व्रत रखकर देवी की पूजा करते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि नौ दिन पूरे परिवार के साथ विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से धन धान्य की कमी नहीं होती और मां दुर्गा का परिवार पर आशीर्वाद बना रहता है।
कलश स्थापना मुहूर्त
पं. कौशलेन्द्र मिश्रा ने बताया कि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि दो अक्टूबर की रात 12.18 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि का समापन तीन अक्टूबर को देर रात 2.58 पर होगा। उदया तिथि अनुसार गुरुवार तीन अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। कलश स्थापना का मुहूर्त कन्या लग्न में सुबह डह बजे से लेकर सुबह 7.05 तक है। वहीं, अभिजीत में मुहूर्त सुबह 11.31 से लेकर दोपहर 12.19 तक है।
किस दिन किस देवी की होगी पूजा
तीन अक्टूबर को प्रतिपदा पर माता शैलपुत्री, चार अक्टूबर को द्वितीया पर ब्रह्मचारिणी, पांच अक्टूबर को तृतीया पर चन्द्रघण्टा का पूजन, छह व सात अक्टूबर को चतुर्थी पर माता कुष्मांडा का पूजन, आठ अक्टूबर को पंचमी तिथि पर स्कंदमाता का पूजन, नौ अक्टूबर को षष्ठी तिथि पर मां कात्यायनी का पूजन, 10 अक्टूबर को सप्तमी तिथि पर माता कालरात्रि का पूजन, 11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी दोनों पर माता महागौरी व सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा।