-हिन्दी दिवस के अवसर पर पांच कवियों का किया सम्मान
भिण्ड, 13 सितम्बर। हिन्दी दिवस के अवसर पर एक दिन पूर्व संध्या पर हम फाउण्डेशन मध्य भारत प्रांत की सिटी एवं विवेकानंद शाखा द्वारा धनवंतरी कॉम्प्लेक्स परिसर भिण्ड में हिन्दी दिवस और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हम फाउण्डेशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. इकबाल अली, प्रदेश कार्यशाला संयोजक प्रो. रामानंद शर्मा, प्रांतीय संगठन मंत्री शैलेष सक्सेना, सिटी शाखा अध्यक्ष अरविन्द भदौरिया, सचिव अजीत उपाध्याय, कोषाध्यक्ष संतोष नरवरिया, धीरेन्द्र श्रीवास्तव, अरविन्द पावक, आयुष, अंकित बंसल, अनुज एवं अर्जुन आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मां वीणा वादिनी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन कर की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. इकबाल अली ने कहा कि हिन्दी का सम्मान करना हम सब का कर्तव्य है, हिन्दी सिर्फ हमारी भाषा ही नहीं हमारी पहचान है। उन्होंने बताया कि हमारे देश की भाषा और हमारी संस्कृति के लिए बहुत मायने रखती है, हम अपनी राजभाषा को सम्मान दें और हमारी अगली पीढी भी विदेशी भाषा की छोडकर हमारी राजभाषा को पहचाने। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है तथा यह हम सभी को जोडने का काम करते हुए देश में एकता फैलाने के लिए बहुत जरूरी है।
इसी क्रम में प्रो. रामानंद शर्मा ने कहा कि हिन्दी का साहित्य बडा महान है तथा भावी पीढियों के नैतिक उत्थान के लिए साहित्यक रचनाओं का अध्ययन करना बहुत जरूरी है। आज हर कोई सफलता पाने के लिए इंग्लिश भाषा को सीखना बोलना चाहता है, क्योंकि हम देखते हैं कि आज हर जगह इंग्लिश भाषा की मांग है, लेकिन हमें अपनी मातृभाषा और राजभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। इस अवसर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें श्रीमती शशि वाला राजपूत ने अपनी कविता के माध्यम से कहा कि साफ नल भी किए साफ जल भी किए पर नदी के प्रदूषण को मिटाया नहीं। कवि ऋतुराज वाजपेई ने अपनी पंक्ति के माध्यम से कहा कि इतने पथराव हो गए कि पत्थरों के घाव हो गए, भटके हम राह में रहे मंजिलों के पांव हो गए। कार्यक्रम के अंत में कवि रामकुमार पाण्डे, शशिवाला राजपूत, ऋतुराज बाजपेई और प्रदीप बाजपेई युवराज का शॉल और श्रीफल देकर सम्मान किया गया। आभार प्रदर्शन अरविन्द पावक ने किया।