-आत्म निर्भर भारत संकल्प अभियान के प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने पत्रकारों को किया संबोधित

भिण्ड, 18 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है और इसका रास्ता स्वदेशी भावना से होकर ही गुजरता है। जब हम अपने देश में बने उत्पादों को प्राथमिकता देंगे, तभी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह बात प्रदेश के ऊर्जा कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आत्म निर्भर भारत संकल्प अभियान के तहत शनिवार को भिण्ड शहर के ऊषा कॉलानी में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर भाजपा प्रदेश मंत्री केशव सिंह भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया, विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. रमेश दुबे मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि भारत का विकास स्वदेशी अपनाने से ही संभव है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन का समर्थन करते हुए कहा कि स्वदेशी ही आत्मनिर्भरता का आधार है और आत्मनिर्भरता ही विकसित भारत की पहचान बनेगी। तोमर ने कहा कि मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसे अभियान भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले भारत कई चीजों के लिए विदेशों पर निर्भर था, लेकिन आज देश रक्षा उपकरण, मोबाइल निर्माण, अंतरिक्ष तकनीक और दवा निर्माण जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन चुका है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ उत्पादन बढ़ाना ही नहीं बल्कि अपने लोगों, किसानों, मजदूरों, कारीगरों, उद्यमियों, महिलाओं और युवाओं पर भरोसा करना भी है। भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए हमें अपने गांवों और छोटे उद्योगों को मजबूत करना होगा।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कोरोना काल का उदाहरण देते हुए कहा कि उस मुश्किल समय में भारत ने खुद की वैक्सीन बनाकर और दूसरे देशों को भेजकर यह दिखा दिया कि स्वदेशी की ताकत क्या होती है। यह भारत की आत्मनिर्भरता और मानवीय सोच का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया और डिफेंस इंडिजिनाइजेशन के कारण आज टैंक से लेकर तोप और ड्रोन तक भारत में ही तैयार हो रहे हैं। यह आत्मनिर्भर भारत का सच्चा स्वरूप है। मंत्री ने कहा कि देश के युवा स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा को बढ़ावा देकर विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहभागिता दर्ज कराएं। आज देश में स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा को बढ़ावा देना अति आवश्यक हो गया है। अंत में ऊर्जा मंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने जीवन में स्वदेशी उत्पादों का उपयोग बढ़ाएं और गर्व से कहें कि मेरा भारत आत्मनिर्भर भारत है।
उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि आर्थिक व्यवस्था स्वदेशी पर आधारित होनी चाहिए। जब तक यह स्वदेशी नहीं होगी, यह न तो हमारी स्वतंत्रता की रक्षा कर सकती है और न ही न्याय की गारंटी दे सकती है। उन्होंने कहा कि हमें पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जय जवान, जय किसान की वह उद्घोषणा याद है, जिसने भारत के आत्मनिर्भरता के मार्ग को प्रशस्त किया था। उन्होंने ने कहा था कि हमारे जवान सीमा की रक्षा करेंगे और हमारे किसान अन्न उगा कर राष्ट्र को सशक्त बनाएंगे। हमें इस संकल्प को धारण करना है कि भारत किसी के आगे हाथ फैलाने वाला देश नहीं रहेगा, बल्कि दुनिया में सम्मान के साथ खड़ा होगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि देश में स्वदेशी को बढ़ावा देने देने के के लिए लिए हमें एक बार फिर पंच प्रण लेना होगा। यह पंच परिवर्तन समाज को एक नई दिशा देंगे, जिनका हमें सामूहिक रूप से पूर्ण स्वदेशी अपनाने के लिए पालन करने की आवश्यकता भी है। हम सभी को सामाजिक समरसता, समानता और बंधुत्व को बढ़ावा देना है।