बुढवा मंगल को हनुमान पूजा का है विशेष महत्व : रामदास महाराज

-बुढवा मंगल 17 को, दंदरौआ धाम में लगेगा विशाल मेला

भिण्ड, 11 सितम्बर। जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम पर 17 सितंबर को बुढवा मंगल के पावन अवसर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर रुद्राभिषेक, सुंदरकाण्ड का पाठ, फूल बंगला एवं विशाल भण्डारा आयोजित होगा। बुढवा मंगल के दिन मप्र, राजस्थान, दिल्ली के अलावा आस-पास के जिलों सहित उप्र के औरैया, इटावा, उरई, जालौन, आगरा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, कानपुर, प्रयागराज सहित कई जिलों से लाखों श्रद्धालु दंदरौआ धाम में डॉक्टर हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं।
बुधवार को महंत महामण्डलेश्वर रामदास महाराज ने दंदरौआ धाम परिसर में पत्रकारों को चर्चा के दौरान बताया कि दंदरौआ धाम के हनुमानजी महाराज विशेष रूप से दो रूप में विराजमान हैं, एक तो डॉक्टर हनुमान के रूप में हैं और दूसरे अशोक वाटिका में हनुमानजी ने माता सीता से सखी भेष में मिलने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए मन्दिर प्रबंधन एवं प्रशासन द्वारा दर्शनों के लिए विशेष सुविधा की गई है, जिसमें जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं सभी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी की विशेष भूमिका हैं। श्रद्धालुओं को बडी-बडी एलईडी के माध्यम से भी दर्शन कराए जाएंगे।
बुढवा मंगल का महत्व समझाया
रामदास महाराज ने बताया कि हनुमानजी जिस मंगलवार के दिन माता सीता की खोज कर लंका को जलाकर वापस लौट कर भगवान श्रीराम को वहां के समाचार सुनाए थे, जिससे भगवान श्रीराम ने प्रसन्न होकर हनुमान को तिलक लगाकर पुष्पहार पहना कर स्वागत किया था। इसलिए उस मंगलवार को बुढवा मंगल कहा जाता है। इस दिन हनुमानजी के पूजा का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि जैसे सभी 24 एकादशी का फल के बराबर में एक भीमसेन एकादशी का होता है। उसी प्रकार पूरे वर्ष के मंगलवारों का फल बुढवा मंगलवार के दिन हनुमान जी पूजा एवं दर्शन करने का विशेष महत्व होता है। यह मंगलवार 17 सितम्बर को पड रहा है।
जलपान की रहेगी व्यवस्था
धाम के प्रवक्ता जलज त्रिपाठी ने बताया कि बुढवा मंगल के दिन जिले के अलावा बाहर से पैदल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भिण्ड से लेकर दंदरौआ धाम तक जगह-जगह जलपान एवं बालभोग की व्यवस्था समाजसेवियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा प्रति वर्ष की जाती है।