भिण्ड, 16 दिसम्बर। कृषि उपज मण्डी गोहद सहित विभिन्न स्थानों पर किसानों की उपज को तोलने (बोरा) भरकर उठाने और भरने का कार्य करने वाले गोहद कृषि उपज मण्डी में रजिस्टर्ड 500 के लगभग हम्माल-मजदूरों को शासन की निर्धारित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
हम्माल मजदूरों ने बताया कि जिले की अन्य मण्डियों में हम्माल मजदूरी अधिक है और सबसे कम मजदूरी गोहद कृषि उपज मण्डी प्रांगण में दी जा रही है। कई हम्माल मजदूर बताते हैं कि समय-समय पर इसमें बढोतरी भी होती रहती है, लेकिन इस बढोतरी की राशि सिर्फ पैसों में होती है, जिसके चलते अब हमारा गुजारा कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा है। उन्होंने मांग की है कि हमें शासन की योजनाओं का लाभ और निर्धारित मजदूरी उपलब्ध कराई जाए। हम्माल मजदूर बताते हैं कि किसानों की उपज तुलने के बाद जब देर रात्रि अपने-अपने घर जब वापस जाते हैं तो उन्हें रात्रि गस्त के दौरान पुलिस का सामना करना पडता है। इसलिए उनकी मांग है की सभी हम्माल मजदूरों के पहचान पत्र भी बनाए जाएं। जिससे मजदूरी के उपरांत घर जाते समय रास्ते में किसी भी परेशानी का सामना न करना पडे।
इनका कहना है-
हम्माल मजदूरों को शासन की योजनाओं का लाभ नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका के माध्यम से उपलब्ध होता है। मजदूरी की शुल्क व्यापारी और हम्माल मजदूरों के बीच निर्धारित होती है, जो इन लोगों को मिल रही है।
प्रशांत शर्मा, सचिव, कृषि उपज मण्डी समिति गोहद