मनुष्य को अपने पितरों का विधिवत तर्पण करना चाहिए तभी मोक्ष मिलता है : रामभूषण दास

ग्राम अजनौधा में चल रहा है श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ

भिण्ड, 14 दिसम्बर। मेहगांव क्षेत्र के ग्राम अजनोधा में चल रहे संगीतमयी श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छटवे दिन गुरुवार को साकेतवासी विजयराम दास महाराज के कृपा पात्र शिष्य महामण्डलेश्वर रामभूषण दास महाराज ने गोवर्धन पूजा की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान मान का मर्दन करते है, इन्द्रदेव को अहंकार हो गया था कि मैं ही सर्वश्रेष्ठ हूं, इसीलिए भगवान श्रीकृष्ण ने अहंकार को खत्म कर गोवर्धन की पूजा करवाई।

उन्होंने रामचरित मानस में राजा दशरथ की अंतिम यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि मनुष्य को अपने पूर्वजों पितरों को हमेशा तर्पण पिण्डदान करना चाहिए, जिससे उसके जीवन में कभी कठिनाई नहीं आएगी, जो मनुष्य पूर्वजों का ख्याल नहीं रखते, पूजा-अर्चना नहीं करते, उनको आजीवन परेशानी का सामना करना पडता है। चाहे राम हों या द्वापर में कृष्ण, सभी ने अपने पितरों को यथोचित सम्मान देकर उनके विधिवत्त क्रिया कर्म किए हैं। यही सनातन धर्म है। कथा में परीक्षित रामनिवास शर्मा, धमोली बाबा, सत्यनारायण दास महाराज सहित हजारों भक्तों ने कथा रसपान किया।