सांकेतिक भाषा में दिव्यांग बच्चों को दी गई विधिक जानकारियां

भिण्ड, 14 दिसम्बर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के तत्वावधान में दिव्यांग छात्रावास, सामाजिक न्याय विभाग भिण्ड में नालसा द्वारा संचालित योजना मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं योजनांतर्गत दिव्यांगजनों का अधिकार अधिनियम 2016 के आलोक में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में न्यायाधीश विशाल खाडे एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी सौरभ कुमार दुबे ने दिव्यांग बच्चों को नालसा की मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं योजनांतर्गत दिव्यांगजनों का अधिकार अधिनियम 2016 में विहित अधिकारों जैसे समानता और भेदभाव के विरुद्ध क्रूरता एवं अमानवीय व्यवहार से सुरक्षा, प्रताडना, हिंसा एवं शोषण से सुरक्षा का अधिकार, कानूनी क्षमता, मतदान एवं न्याय की सुलभता, गार्डियनशिप, शिक्षा का अधिकार आदि के बारें में उपस्थित ‘सांकेतिक भाषा’ विशेषज्ञ की मदद से जानकारी दी।
दिव्यांग बच्चों को यह बताया कि वे समान है तथा उन्हें शिक्षा का अधिकार, आंरक्षण, शासकीय सहायता एवं समाज की मुख्य धारा से जुडने का अधिकार, सुलभ न्याय प्राप्त करने का अधिकार आदि प्राप्त हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी दिव्यांगजन समाज में बराबरी का दर्जा हासिल कर स्वयं को विकसित करते हुए राष्ट्र की सफलता में अपना योगदान दें। इसके अलावा बच्चों को शासकीय योजनाओं से प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग मनीष सिंह कुशवाह से जानकारी ली तथा उन्हें यह आश्वासन दिया कि सभी दिव्यांग बच्चों को उन सभी शासकीय योजनाओं का लाभ आवश्यक रूप से मिलना चाहिए जिसके वे पात्र हैं, इस हेतु यदि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से किसी भी प्रकार की सहायता या समन्वय की आवश्यकता है तो उस सहायता को उपलब्ध कराए जाने हेतु जिला प्राधिकरण सदैव तत्पर है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग के उपसंचालक मनीष सिंह कुशवाह, पीएलव्ही भिण्ड शिवभान सिंह राठौर, छात्रावास का स्टाफ एवं बच्चे उपस्थित रहे।