नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कारावास

सागर, 06 अक्टूबर। द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश तहसील देवरी, जिला सागर की अदालत ने नाबालिग बालिका शादी का झांसा देकर ले जाने एवं उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त शिवचरण यादव को दोषी करार देते हुए धारा 366क भादंवि के तहत दो वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(2)(एन) में 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, पॉक्सो एक्ट की धारा 5(जे-दो), सहपठित धारा 6 में 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका के पुर्नवास के लिए उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर एक लाख 50 हजार रुपए दिए जाने का आदेश भी दिया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती वृंदा चौहान ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता की मां) ने थाना केसली में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दो नवंबर 2015 को रात्रि लगभग 11 बजे पीडिता गांव में भजन सुनने गई थी, जहां उसका भाई भी था, जिसने भजन होने वाले घर के आस-पास अभियुक्त शिवचरण को घूमते हुए देखा तथा कुछ समय बाद उसे पता चला कि पीडिता भजनों में नहीं थी, तब उसने तथा पीडिता की मां एवं उसके परिवार के लोगों ने तलाश किया और दूसरे दिन रिश्तेदारी में पता किया, किंतु पीडिता का कोई पता नहीं चला। संदेही शिवचरण द्वारा पीडिता को बहला-फुसलाकर कहीं भगा ले जाने की शंका व्यक्त की। 31 अगस्त 2019 को पीडिता के दस्तयाव होने पर उसने बताया कि अभियुक्त उसे अपने साथ भोपाल ले गया था, जहां उसके साथ अभियुक्त ने शारीरिक संबंध बनाए थे। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना केसली पुलिस ने धारा 363, 366क, 376(2)(एन) भादंसं तथा धारा 5(जे-दो), सहपठित धारा 6, 5(एल), सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।