पत्रकारों की सुरक्षा एवं सम्मान की जिम्मेदारी सरकार की: पंकज त्रिपाठी

प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

भिण्ड, 07 जून। मुझे पत्रकारिता के क्षेत्र में काफी समय हो गया है, लेकिन आज जैसे हालात पहले कभी नहीं देखे सुने हैं। लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए जनहित में निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों और उनके परिवारजनों को कुछ वर्षों से अचानक एक के बाद एक अनेकों तरह से प्रताडि़त किए जाने की आये दिन खबरें देखने व सुनने को मिलती है। यह बात प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर नायब तहसीलदार रामलोचन तिवारी ज्ञापन सौंपने के दौरान कही।
त्रिपाठी ने कहा कि कुछ वर्षों से पत्रकारों के साथ घटित हो रही घटनाओं जैसे कि मारपीट, हमले, धमकियां, हत्या, फर्जी झूठे मुकद्दमों से पत्रकार और उनके परिवारजनों का जीना दुस्वार हो गया है। यहां तक कि पत्रकारों के साथ बेइंतहा होते शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक उत्पीडऩ अत्याचार से पत्रकारों एवं उनके परिवारजनों में डर, दहशत एवं भय का माहौल बनता जा रहा है। पत्रकारों एवं उनके परिवारजनों के साथ लगातार होते दुव्र्यवहार के कारण स्वतंत्र एवं निष्पक्ष पत्रकारिता में बड़ा व्यवधान पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज के समय में हालात ऐसे हैं कि पत्रकारों को अपने साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होने का डर बना रहता है, जो कि आजाद भारत में लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। पत्रकारों के साथ दुव्र्यवहार की घटनाएं निंदनीय विषय है। जिस पर बिना समय गवाए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों को अविलंब सकारात्मक निर्णय लेना अति आवश्यक है। भारत सरकार व प्रदेश सरकार से मैं देश के सभी पत्रकारों की ओर से पत्रकारों की सुरक्षा एवं सम्मान की पुरजोर मांग करता हूं।
संघ जिलाध्यक्ष उमाकांत शर्मा व जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि देश में बढ़ते पत्रकार उत्पीडऩ को लेकर सरकार शीघ्र ठोस कदम उठाएं, अन्यथा जनहित की आवाज उठाने वाले शासन की जनकल्याणकारी योजनओं को आमजन तक पहुंचाने वाले शांतप्रिय, बुद्धिजीवी पत्रकार अपनी सुरक्षा एवं सम्मान के लिए सडक़ों पर आंदोलन करने के लिए विवश होंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
वहीं ज्ञापन में मांग की गई है कि वरिष्ठ पत्रकार जिनकी आयु 55 वर्ष से अधिक है उन्हें दस हजार रुपए एवं 60 वर्ष से अधिक है उन्हें 15 हजार रुपये मासिक जीवन भत्ता दिया जाए। पत्रकार पत्रकारिता (ऑन ड्यूटी) करते समय मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता वाले पत्रकार के निधन होने पर परिजनों को बीस लाख रुपए एवं प्रेस से जुड़े हुए किसी भी कर्मचारी का ऑन ड्यूटी निधन होने पर दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता तुरंत की जाए। पत्रकारों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध होने से पहले उच्च स्तरीय अधिकारियों की जांच के पश्चात मामाला पंजीबद्ध किया जाए, बिना जांच किए मामला पंजीबद्ध करने वाले अधिकारी को निलंबित किया जाकर उक्त प्रकरण की वरिष्ठ अधिकारी से सही जांच करने के बाद ही मामला दर्ज किया जाए। पत्रकार को झूठे प्रकरण में फंसाने या फंसाने वाले व्यक्ति पर तुरंत मुकद्दमा दर्ज किया जाकर पीडि़त पत्रकार को दो लाख रुपए मुआवजा दिया जाए अथवा झूठा प्रकरण दर्ज करने या कराने वाले से दिलाया जाए।
पत्रकार को अपमानित या प्रताडि़त करने वाले व्यक्ति पर तुरंत प्रकरण दर्ज किया जाकर पीडि़त पत्रकार को पांच लाख रुपए दिए जाएं अथवा अपमानित करने वाले व्यक्ति से दिलवाए जाएं। पत्रकारों को शस्त्र लाईसेंस बनवाने में प्राथमिकता देते हुए शस्त्र लाईसेंस आवेदन करने की दिनांक से तीन माह (90 दिन) के भीतर शस्त्र लाईसेंस जारी किया जाए। मान्यता प्राप्त एवं गैरमान्यता वाले सभी पत्रकारों को जिला स्तरीय पत्रकारों को पूरे जिले में एवं प्रदेश स्तरीय पत्रकारों को पूरे प्रदेश के सभी टोल पर वैध प्रेस कार्ड दिखाने पर चार पहिया वाहनों पर टोल शुल्क से पूर्णत: मुक्त किया जाए। शासकीय एवं प्राइवेट बड़े अस्पतालों में मान्यता प्राप्त एवं गैरमान्यता वाले सभी पत्रकारों के लिए शासकीय अस्पताल में पांच पलंग एवं प्राइवेट बड़े अस्पताल में दो पलंग वाला एक पत्रकार वार्ड की व्यवस्था कराई जाए। भवन निर्माण हेतु शासकीय योजना अंतर्गत रियायती दरों पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को 25 लाख रुपए एवं गैर मान्यता वाले पत्रकार को 15 लाख रुपए से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया जाए। केन्द्र में राष्ट्रीय पत्रकार आयोग एवं सभी राज्यों में राज्य पत्रकार आयोग का गठन किया जाए, जिसमें 11 सदस्यीय (एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष, आठ सदस्य) शामिल किए जाएं। केबिनेट एवं राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाए। राष्ट्रीय एवं राज्य पत्रकार आयोग में प्रेस/ मीडिया से जुड़े लोग ही शामिल किए जाएं। जिला स्तर पर प्रति माह कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक एवं पत्रकारों की एक बैठक नियमित/ अनिवार्य किए जाने का शासकीय नियम बनाया जाए। उक्त मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की है।
ज्ञापन देने वालों राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष उमाकांत शर्मा, जिला उपाध्यक्ष संजीव शर्मा, भारत सिंह रावत, अमरकांत सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह यादव, मनोज श्रीवास, सतेन्द्र सिंह यादव, अरविन्द शर्मा, कपिल त्रिपाठी, अनिल दुबे, राजू सिरोठिया, गोपाल शर्मा, संजीव सिंह चौहान, सुनील कांकर सहित कई पत्रकार शामिल थे।