‘बाल श्रम एक सामाजिक बुराई हैÓ पर संवाद कार्यक्रम आयोजित

भिण्ड, 12 जून। चौधरी रूप नारायण दुबे समाज कल्याण समिति द्वारा ‘बाल श्रम एक सामाजिक बुराई हैÓ को लेकर चंबल पार्क में बच्चों के बीच संवाद आयोजित किया गया। जिसमें बच्चों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
बाल कल्याण समिति के समाजसेवी सुनील दुबे ने कहा कि बाल श्रम पूर्ण रूप से गैर कानूनी है, भारत के संविधान 1950 के 24 वे अनुच्छेद के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी, कारखानों, होटलों, घरेलू नौकरों, ईंट भट्टे इत्यादि के रूप में कार्य करवाना बाल श्रम के अंतर्गत आता है। यदि कोई व्यक्ति एसा कर्ता पाया जाता है, तो उसके लिए उचित दंड का प्रावधान है। जो लोग बहुत गरीब हैं और अपने दो समय के भोजन और कपड़े का प्रबंधन नहीं कर सकते हैं, इसलिए अपने बच्चों को शिक्षा के लिए स्कूल भेजने के बजाय सबसे कम भुगतान पर काम करने के लिए मजबूर हो जाते हैं, शासन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गरीब बेसहारा बच्चों, कोविड-19 से अनाथ बच्चों के लिए, स्पॉन्सर शिप, फोस्टर केयर, पोषण अहार योजना, कोविड-19 के अनाथ बच्चों के लिए आदि।
वहीं बच्चों में बाल श्रमिक टीपू ने कहा कि हमारे माता-पिता बुजुर्ग हैं, वे बीमार रहते हैं। ऐसे में हमें उनकी देखभाल वा अपने परिवार के पालन हेतु श्रम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। हम भी चाहते हैं कि अन्य बच्चों के साथ खेले स्कूल जाए। वहीं तंबाकू का सेवन कर रहे विमल कुमार ने कहा कि कि हम स्कूल नहीं जाने के कारण हमउम्र साथियों के संपर्क में आने पर नशा करना सीख गए। कार्यक्रम में अंकित दुबे, शिवप्रताप, वैभव दुबे, ओम, आदि ने सहभागी हुए।