समय व्यर्थ न गंवाएं, ईश्वर का गुणगान करें : रामभूषण दास

दंदरौआ धाम में श्रीमद् भागवत कथा में हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड, 12 अप्रैल। इस संसार में मनुष्य जन्म लेता है फिर वह मोह माया में फंस जाता है। घर, परिवार, नाते-रिश्तेदार के माया जाल में फंस कर मनुष्य अपना समय व्यर्थ करता है, जबकि मनुष्य को इस शरीर से ईश्वर के गुणगान करना चाहिए। यह उद्गार दंदरौआ धाम में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान भागवताचार्य श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामभूषण दास महाराज ने व्यक्त किए।
महाराजश्री ने कहा कि हमारे हाथ हैं तो उनसे सेवा करना चाहिए और वाणी से प्रभु का नाम जप करना चाहिए। अगर मनुष्य के पास धन है तो धन का दान करके ही शुद्ध करना चाहिए लेकिन मनुष्य तो धन को वैभव में खर्च कर देता है, मनुष्य को प्रभु में विश्वास रखना चाहिए। उन्होंनेने कहा कि मनुष्य संसार से क्या मांगता है, मांगना है तो संसार चलाने वाले से मांगों, हमें हमारे हनुमान जी से मांगना चाहिए, मनुष्य संसार सभी बस्तु को अपना मान कर अभिमान में पड़ जाता है, लेकिन संसार में सभी क्रिया कलाप ईश्वर के द्वारा चलाए जा रहे हैं।
मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षत स्व श्रीमती विमला देवी-बृजमोहन शर्मा मुन्ना हैं। इस मौके पर रामबरन पुजारी, गिरजाशंकर शर्मा, कुलदीप शर्मा, डॉ. तरुण शर्मा, जलज त्रिपाठी, पं. भोलाराम प्राचार्य, पवन शास्त्री, नरसी दद्दा, सौरव यादव उपस्थित रहे।