रात्रिचर्या सुधर गई तो दिनचर्या अपने आप ठीक हो जाएगी : रामस्वरूपाचार्य

मंशापूर्ण मन्दिर पर श्रीराम कथा में हुआ ताड़का वध, अहिल्या उद्धार का प्रसंग

भिण्ड, 18 फरवरी। श्री मंशापूर्ण हनुमानजी की प्रेरणा से पीडब्ल्यूडी के मैदान में चल रही श्री राम कथा के चौथे दिन शनिवार को चित्रकूट धाम कामादगिरि पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 रामस्वरूपचार्य ने सुमित राधवन, ताड़का वध एवं अहिल्या उद्धार के प्रसंग का वर्णन किया।
श्री रामस्वरूपचार्य ने महाशिवरात्रि पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिव माने कल्याण मंगल होता है और प्रत्येक रात्रि आपकी मंगलमय कल्याणकारी हो, यह होना चाहिए, जो असंभव नहीं संभव है। यदि आपकी प्रत्येक रात्रि राममय हो जाये तो रात्रिचर्या सुधर जाएगी तो दिनचर्या स्वत ठीक हो जाएगी, जिसकी दिनचर्या सुधर जाती है जीवन अपने आप सुधर जाता है। उन्होंने कहा कि शायद आप लोगों को दिन रात राम मय रहना कठिन लगे, उसका एक सरल उपाय बताता हूं यदि अमल कर लिया तो प्रत्येक रात्रि के साथ दिन भी मंगलमय हो जाएगा, इसके लिए सिर्फ यह करना है कि रात्रि मे जब सोने जाए तो राम नाम का जप करें और जागरण भी राम के नाम से होना चाहिए, यदि एसा किया तो आपको पूरी रात का राम नाम जप फल मिलेगा, यह शासवत सत्य है।
उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि शिव पार्वती के विवाह के कारण विशेष महत्व पूर्ण है। उन्होंने शिव पार्वती विवाह प्रसंग का भी संक्षेप में वर्णन किया। उन्होने कहा कि एसा माना जाता है कि जिसकी शिव नगरी काशी में मौत होती है उसे मुक्ति मिल जाती है, क्योंकि शिव का अर्थ ही कल्याण है, लेकिन शिवजी कहते हैं कि काशी में मृत्यु के समय वे जीव के कान में राम मंत्र सुना देते हैं, जिसके कारण जीव को मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने श्रीराम जन्म की कथा का बहुत ही सुंदर शब्दों में वर्णन किया, उन्होंने कहा कि रामायण और रामचरित मानस पवित्र जीवन को सफल राह दिखाने वाले धार्मिक ग्रंथ है। राम जन्म के प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि जब चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्य, मंगल शनि, वृहस्पति तथा शुक्र अपने-अपने उच्च स्थानों में विराजमान थे, कर्क लग्न का उदय होते ही महाराज दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या के गर्भ से एक शिशु का जन्म हुआ जो कि नील वर्ण भगवान श्रीराम हैं। कथा स्थल पर भगवान राम के जन्म होते ही सभी भक्तगण नाच उठे और माताएं-बहनें पंडाल में नृत्य करने लगी बधाई और सभी लोगों ने माता कौशल्या को बधाई दी अवध में जन्मे श्रीराम और राजा चक्रवती सम्राट दशरथ भी मन में फूली नहीं समाई और उन्हें एक की जगह चार पुत्र की प्राप्ति हुई। कथा में परीक्षत बृजभूषण सिंह तोमर, मंसापूर्ण हनुमान मन्दिर समिति के अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह जादौन, राममिलन शर्मा एडवोकेट, भाजपा नेता विनोद शिवहरे, जिला शिक्षा अधिकारी रामभुवन सिंह तोमर ने आरती में शामिल होकर महाराज से आशीर्वाद लिया।

राम विवाह एवं पुष्प वाटिका की कथा आज

श्री मंशापूर्ण हनुमान मन्दिर पर चल रही श्रीराम कथा में 19 फरवरी राम विवाह एवं पुष्प वाटिका की कथा का वर्णन श्रीश्री 1008 रामस्वरूपाचार्य के मुखारविंद से किया जाएगा। आप सभी से आग्रह है कि अधिक से अधिक संख्या में राम जन्म की कथा में शामिल होकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें। वहीं 20 फरवरी को राम वन गमन, 21 फरवरी को भरत चरित्र, 22 फरवरी को हनुमान चरित्र, 23 फरवरी को राज्याभिषेक की कथा का प्रसंग होगा।