एक दिन पूर्व से कांवडिय़ों के लिए सेवा शिविर लगाकर रुकने की जाएगी व्यवस्था
भिण्ड, 13 फरवरी। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर कुण्डेश्वर महादेव उदासीन आश्रम सिटी कोतवाली के सामने भिण्ड में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही शिवरात्रि के एक दिवस पूर्व से कुण्डेश्वर मन्दिर पर गंगाजल लेकर आने वाले कांवडिय़ों के लिए फलाहार का सेवा शिविर लगाया जाएगा एवं उनको विश्राम के लिए ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। यह जानकारी मन्दिर के पुजारी व प्रबंधक विजय महाराज पत्रकारवार्ता में दी।
विजय महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर 17 फरवरी को सुबह से लेकर रात्रि तक कांवड़ यात्रियों के लिए मन्दिर पर सेवा शिविर लगाया जाएगा। जिसमें फल, पेठा, दूध, चाय की नि:शुल्क सेवा के साथ कांवरियों को रुकने की व्यवस्था की जाएगी। 18 फरवरी महाशिवरात्रि को सुबह छह से सवा लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण कार्यक्रम चालू होगा जिसमें मिट्टी के शिवलिंग बनाकर 11 बजे महारुद्र अभिषेक किया जाएगा। साथ ही पार्थिव शिवलिंगों को अभिषेक कर उनका विधि विधान से पूजन किया जाएगा। तदुपरांत दोपहर 12 बजे से 25 कुण्डीय हवन यज्ञ कार्यक्रम चालू होगा, जिसमें सवा लाख ऊँ नम: शिवाय जाप की आहुतियां दी जाएंगी। शाम छह बजे महागंगा आरती का आयोजन होगा, जिसके लिए काशी बनारस से विशेष विद्वान पंडितों को बुलाया गया है, उनके द्वारा महाआरती की जाएगी, जो कि आकर्षण का केन्द्र रहेगी, जिसमें हजारों भक्तों की आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पार्थिव शिवलिंग निर्माण हमारे उदासीन आश्रम के अध्यक्ष श्रीश्री महंत ब्रह्मर्षि महाराज के आदेश से आयोजित किया जा रहा है। जिसमें पं. देव प्रभाकर शास्त्री दद्दाजी शिष्य मण्डल भिण्ड का विशेष सहयोग रहेगा। सभी से आग्रह किया है कि इस पुनीत कार्य में सहभागिता कर धर्म लाभ लें। उन्होंने पार्थिव शिवलिंग निर्माण के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि सतयुग में मनुष्य सोने के शिवलिंग बनाकर विसर्जन करते थे, त्रेता युग में चांदी के शिवलिंग बनाकर पूजन किया जाता था, द्वापर युग में पीतल, ताम्बे के शिवलिंग बनाकर अभिषेक पूजन कर विसर्जन किया जाता था, वही फल कलयुग में मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन-अभिषेक करने से प्राप्त होता है। सभी भिण्ड जिला वासियों से अपील है कि इस पुनीत कार्य में सहभागिता कर धर्म लाभ लें।