बच्चों जैसे निर्मल मन से ही समाज में एकरूपता संभव : डॉ. उमा शर्मा

भाविप का गुरू वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित

भिण्ड, 14 नवम्बर। बच्चे मन के सच्चे होते हैं, उनका मन निर्मल होता है, उनमें कोई भेदभाव नहीं होता, वह न तो ऊंच-नीच का भेद समझते हैं और ना ही जाति धर्म या संप्रदाय का, यदि हमें समाज में एकरूपता कायम करनी है तो हमें बच्चों से सीख लेनी होगी और उनकी तरह निर्मल मन रखने से ही समाज में एकरूपता एवं विकास की कल्पना की जा सकती है। यह बात बाल दिवस के अवसर पर स्थानीय विद्यावती पब्लिक सेंट्रल स्कूल में भारत विकास परिषद महिला शाखा जागृति द्वारा आयोजित गुरू वंदन छात्र अभिनंदन के कार्यक्रम में शाखा संरक्षक डॉ. उमा शर्मा ने कही। उन्होंने परिषद द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रकल्प एवं कार्यों को भी विस्तार से समझाया।
इसी क्रम में शाखा संस्थापक श्रवण पाठक ने अनु की व्याख्या करते हुए बच्चों को बताया कि हमारे जीवन में दो अनु होना बहुत आवश्यक है, एक तो हमारे लिए अनुशासन का बहुत महत्व है, जिसके बिना हम सफल नहीं हो सकते, वहीं दूसरी ओर अनुपम आनंद की भी महती आवश्यकता है। दोनों के सामंजस्य से ही बच्चों का पूर्ण विकास हो सकता है।
शाखा की पूर्व अध्यक्ष एवं समाजसेवी आभा जैन ने गुरू की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए गुरू को मन में धारण करते हुए गुरू की साधना को समस्त साधनाओं से श्रेष्ठ बताया। इस अवसर पर विद्यालय संचालन कार्यकारिणी के सदस्य प्रो. रामानंद शर्मा ने परिषद के कार्यों की प्रशंसा करते हुए बताया कि इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों का मनोबल बढ़ता है और उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने परिषद के प्रकल्पों को संस्था के माध्यम से चलाने का आश्वासन भी दिया। सभा में उपस्थित समस्त बच्चों को अपने नैतिक मूल्यों को जीवन भर अंगीकार रखना है, इस आशय की शपथ अरुणा पाठक ने दिलाई। कार्यक्रम का संचालन परिषद की संयोजिका निशा भारद्वाज एवं आभार संस्था प्राचार्य सौरव चड्ढा ने व्यक्त किया।

दस छात्र-छात्राओं का हुआ सम्मान

परिषद द्वारा आयोजित छात्र अभिनंदन समारोह में विद्यालय के उत्कृष्ट 10 छात्रों को प्रमाण पत्र एवं मैडल से सम्मानित किया गया। जिसमें छात्र एंजेल, आर्य दुबे, अनुष्का कुशवाह, संस्कृति दुबे, आयशा जैन, सिद्धसा जैन, आनंद सिंह भदोरिया, अनंत अग्रवाल, दिव्या अग्रवाल, श्रृद्धा राजावत, आयुष श्रीवास्तव, अभिषेक शर्मा को सम्मानित किया गया।