शा. महाविद्यालय मेहगांव में विधिक जागरुकता शिविर आयोजित

भिण्ड, 08 नवम्बर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड अक्षय द्विवेदी के मार्गदर्शन में समय-समय पर विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जाता है। इसी तारतम्य में सोमवार को ‘हक हमारा भी तो है अभियान’ के अंतर्गत शा. महाविद्यालय मेहगांव में न्यायाधीश मेहगांव राकेश कुमार कुशवाह की अध्यक्षता में संवैधानिक अधिकारों/ कर्तव्यों तथा भारतीय न्याय व्यवस्था को जानकारी संबंध में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता रामहरि शर्मा, रामनिवास भदौरिया, अभिभाषक संघ मेहगांव के उपाध्यक्ष पंकज सेंथिया, श्रीमती मेघा शर्मा, देवेन्द्र भारद्वाज, न्यायालीन कर्मचारीगण, महाविद्यालय के प्राचार्य राकेश डागोलिया एवं विद्यालय के समस्त प्राचार्यगण तथा समस्त छात्र-छात्राओं की गरिमामायी उपस्थिति रही।
शिविर में भारतीय संविधान के तहत हमें कौन-कौन से मूल अधिकार प्राप्त हैं के बारे में विस्तार सें समझया गया एवं हम मूल कर्तव्य से क्या समझते है की जानकारी दी गई। एक नागरिक का संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रीय मान का आदर करना कर्तव्य है। संविधान का पालन करें और उसके जादश संस्थाओं राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें। स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्श को हृदय में जीय और उनका पालन करें एवं छह से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराना कर्तव्य 86वें संविधान संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा जोड़ा गया। हमारे जीवन मे मूल अधिकारों का क्या महत्व है इससे अवगत कराया गया। भारतीय न्यायपालिका आम कानून कॉमन ला पर आधारित प्रणाली है इस बारे में समझाया गया।