किसानों को सिर्फ दो घण्टे मिल रही बिजली, जर्जर विद्युत लाइन बनी मुख्य कारण

करोड़ों की धान की फसल पर संकट, किसानों ने घेरा बिजली दफ्तर

भिण्ड, 28 अगस्त। आलमपुर इलाके में बारिश के इंतजार के बीच किसानों को बिजली नहीं मिलने से करोड़ों रुपए की धान फसल दांव पर है। आलमपुर रूरई फीडर पर पिछले 15 दिनों से रोजाना 15 से 20 घण्टे बिजली कटौती से नाराज किसानों ने रविवार को बिजली दफ्तर पर धावा बोलकर सभी फीडरों की बिजली सप्लाई बंद कराकर नाराजगी जाहिर की और बिजली कंपनी के उप प्रबंधक को ज्ञापन देकर कृषि क्षेत्र को शेड्यूल के मुताबिक 10 घण्टे बिजली सप्लाई के साथ ही फीडर पर जर्जर तारों को बदलवाने की मांग की है।
किसानों ने बताया कि यदि बिजली आपूर्ति व्यवस्था जल्द नहीं सुधरी तो हजारों बीघा रकबे में धान की फसल सूख जाएगी। रूरई अरूसी फीडर से जुड़े किसानों ने बताया कि इलाके में बारिश नहीं होने से इस समय कृषि कार्य के लिए बिजली की मांग चरम पर है। लेकिन पिछले 15 दिनों से फीडर से 24 घण्टे में बमुश्किल दो घण्टे बिजली मिल रही है। इसमें भी वोल्टेज इतने कम आते हैं कि खेतों पर ट्यूबवेल नहीं चलते।
किसानों को 10 घण्टे थ्री फेस बिजली देने का सरकार का दावा हकीकत के धरातल पर फेल है। इस समय ज्यादातर खेतों में धान की रोपाई हो चुकी है। कई खेतों में धान की फसल 30 से 35 दिन की हो चुकी है। उन्हें इस वक्त खाद और पानी की दरकार है। लेकिन पानी की कमी को देखते हुए किसान महंगा खाद डालने की जोखिम लेना मुनासिब नहीं समझ रहे। पानी के बिना खेतों में खड़ी धान सूखने का खतरा दिनोंदिन बढ़ रहा है। वहीं फसल को समय पर खाद नहीं मिलने से पौधों की बढ़वार रुकने आशंका सताने लगी है।

यह है लाइन न चलने का प्रमुख कारण

किसानों ने बताया कि बिजली विभाग की स्थापना के समय की लाइन है जो पूरी तहर से सड गल चुकी है। इससे लोड पडऩे पर 15 किलो मीटर दूर फैली लाइन कहीं न कहीं टूट जाती है, इसको जोडऩे मिस्त्री और किसान पूरी रात परेशान रहते हैं और लाइन जोडऩे के पश्चात 15 मिनट बाद लाइन दोबारा टूट जाती है और मिस्त्री, किसान बेबस एवं मायूस हो जाते हैं।
संजय तिवारी, कोकसिंह, रघुराज सिंह, रणजीत सिंह आदि किसानों का आरोप है कि उनके सामने यह समस्या प्रति वर्ष आ रही है, परंतु विभागीय अधिकारी ने समय रहते इस पर ठोस कदम उठाए होते तो किसानों के सामने ये समस्या नहीं आती।

इनका कहना है-

यह सही है कि लाइन नहीं चल पा रही है, इसकी टेंडरिंग प्रक्रिया हो गई है, बुधवार से काम शुरू कराया जाएगा।
सुनील त्रिपाठी, जेई