यूरिया खाद भी मिल रहा है रेट से अधिक उसके बाद भी अधिकारी कार्रवाई करने से कर रहे हैं परहेज
भिण्ड, 26 अगस्त। गोहद क्षेत्र धान के कटोरा के नाम से प्रसिद्ध है, यहां धान की फसल बड़ी तादाद में उगाई जाती है। यहां हर वर्ष हजारों किसान द्वारा कई हजार हेक्टेयर में धान की फसल रोपी जाती है। इस वर्ष भी किसान धान की फसल रोपने के लिए तैयार है, लेकिन वर्तमान में किसानों को सस्ते दामों में डीएपी खाद नहीं मिल पा रहा है। महंगे दाम में सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत कुछ ही किसान प्राइवेट दुकानों से खाद खरीद पा रहे हैं, आर्थिक रूप से कमजोर अधिकांश किसान डीएपी खाद नहीं खरीद पा रहे हैं। इसके चलते किसानों को धान की उपज में गिरावट आने की चिंता सताने लगी है। डीएपी खाद की एमआरपी 1350 रुपए निर्धारित की गई है। जो सरकारी सोसाइटियों पर इसी रेट पर किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध होती है। लेकिन नगर में संचालित मार्केटिंग सोसाइटी पर इस समय डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते किसानों को बाजार में प्राइवेट दुकानों से डीएपी खाद की बोरी 1500 से 1700 रुपए में मिल रही है।
खास बात यह है कि इस संबंध में किसान प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं। उधर यूरिया खाद की एमआरपी 266 रुपए निर्धारित है। लेकिन नगर में प्राइवेट खाद विक्रेता यूरिया खाद की बोरी किसानों को 300 रुपए तक में बेच रहे हैं। किसानों का कहना है कि डीएपी खाद को लेकर सकट पहली बार नहीं हो रहा है। हर वर्ष बारिश के मौसम में डीएपी खाद का संकट होता है और दुकानदारों द्वारा खाद ज्यादा दाम पर बेचे जाते हैं। दुकानदारों के पास स्टॉक होने के बावजूद वह सरकारी दाम पर डीएपी देने से इनकार कर देते हैं।
इनका कहना है-
प्राइवेट दुकानदारों द्वारा डीएपी की बोरी 1500 व यूरिया की 320 की दी जा रही है।
मायाराम, कृषक, रठियन का पुरा
सरकारी दुकानों पर खाद की कमी है, इसलिए प्राइवेट दुकानों पर लेना पड़ रहा है, प्राइवेट दुकान महंगी रेट पर खाद बेच रहे है।
सुखवीर, कृषक, एण्डोरी
प्राइवेट दुकानदार सरकारी कीमत से अधिक कीमत में खाद बेच रहे है सरकारी दुकान पर खाद नहीं मिल पा रहा है।
रामसेवक, कृषक, चंदोखर
सरकारी दुकान में किसान की आवश्यकता अनुसार खाद मिल रहा है। प्राइवेट दुकान अगर सरकारी दरों से अधिक रेट में दे रहे है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
भानुप्रताप घुरैया, इंस्पेक्टर खाद विभाग