मनुष्य अपने जीवन में हर क्षण कर्म करता रहता है : आर्यिकाश्री

चातुर्मास के लिए होगा कल होगा भव्य मंगल प्रवेश
आर्यिकाश्री शुक्रवार को मालवा कॉलेज से विक्की फैक्ट्री पहुंची, रात्रि करेंगी विश्राम

ग्वालियर, 08 जुलाई। मनुष्य अपने जीवन में हर क्षण कर्म करता रहता है, कर्म अच्छे या बुरे दो प्रकार के होते हैं। भले कर्म पुण्य कहलाते हैं तथा बुरे कर्म पाप कहलाते हैं। जब इंसान अच्छे कर्म करता है तो पुण्य कर्मों का बंध होता है, लेकिन जब बुरे कर्म करता है तो पाप का बंध होता है। यह विचार श्रमणी आर्यिकाश्री विरम्याश्री माताजी ने शुक्रवार को जौरासी से पद विहार कर मालव कॉलेज पहुंचकर आशीष वचन के साथ आहराचार्य संपन्न हुई।
श्रमणी आर्यिका श्री विसंयोजनाश्री माताजी ने कहा कि पुण्य खत्म होने के बाद पाप का उदय होता है। पिछले समय के पुण्य के कार्यों की वजह से अगर कोई पाप करता है तो उसका छीप जाता है। लेकिन पुण्य का घड़ा फूटते ही पाप का उदय होने लगता है। इसलिए जीवन में बदलाव के लिए सही मार्गों का अनुसरण करने की जरूरत है। आत्मा के चिंतन के लिए दो घड़ी भी काफी है, इससे जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आ जाता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को कभी भी धर्म करने के पीछे किसी प्रकार का स्वार्थ नहीं रखना चाहिए। नि:स्वार्थ भाव से किया गया धर्म फलदाई होता है। जीवन में बदलाव लाना है तो संतों के जिनवाणी को जीवन में उतारने की कोशिश करें।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमणी आर्यिका श्री विरम्याश्री माताजी एवं श्रमणी आर्यिका श्री विसंयोजनाश्री माताजी ससंघ का पद विहार ग्वालियर चातुर्मास के लिए चल रहा है। शुक्रवार को दोनों आर्यिकाश्री माताजी शाम को मालव कॉलेज से पद विहार राजेश जैन लाला, देवेन्द्र विपुल जैन, बसंत जैन, कमल जैन, सचिन जैन मुरार, आशीष जैन, महेन्द्र जैन, मनोज जैन, संजय जैन, नीरज जैन, अनिल जैन आदि ने पद विहार करके विक्की फैक्ट्री पहुंची। यहां रात्रि विश्राम करेगी। नौ जुलाई शनिवार की सुबह वापस पद विहार कर नया बाजार जैन मन्दिर पहुंचेगी।

आर्यिकाश्री ससंघ का चातुर्मास के लिए कल होगा प्रवेश

प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमणी आर्यिका श्री विरम्याश्री माताजी एवं श्रमणी आर्यिका श्री विसंयोजनाश्री माताजी ससंघ के चातुर्मास के लिए भव्य मंगल प्रवेश शोभायात्रा 10 जुलाई सुबह सात बजे से माधौगंज स्थित चितेरा ओली जैन मन्दिर से गाजे-बाजे के साथ शुरू होकर मुख्य मार्गों से होते हुए मामा का बाजार स्थित ऋषभ धर्मशाला पहुंचेंगे। जहां दीप प्रज्वलित, शास्त्र भेंट, पाद प्रच्छलन एवं आर्यिकाश्री के मंगल प्रवचन होंगे। वहीं 14 जुलाई को ऋषभ धर्मशाला में 2022 के चातुर्मास कलश स्थापना कार्यक्रम आयोजित होगा।