पर्यावरण विरोधी कलेक्टर को भिण्ड तुरंत हटाया जाए : मुदगल

भिण्ड, 28 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जिला प्रभारी अर्पित मुदगल ने गौरी सरोवर किनारे वृक्षों को बचाने के लिए आंदोलनरत पर्यावरण प्रेमियों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने की प्रशासनिक कार्रवाई को मानवीय कार्य में बाधा बताते हुए कहा कि इस मामले में भिण्ड कलेक्टर का रवैया पूरी तरह पर्यावरण विरोधी रहा है। कलेक्टर की यह कार्रवाई देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गई जो सदैव पर्यावरण की चिंता करने की गुहार भारत वासियों से करते हैं, बल्कि यह कार्रवाई पर्यावरण हितैषी मप्र के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भी की गई है, जो लगातार चार बार मुख्यमंत्री कार्यकाल में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चिंतित रहते हैं। ऐसे में पर्यावरण विरोधी माने जा रहे भिण्ड कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस को तुरंत हटाने की कार्रवाई होनी चाहिए।
भाजपा नेता अर्पित मुदगल ने कहा कि अगर प्रशासनिक कार्रवाई करना ही है तो नगर पालिका अधिकारियों पर करें, जो अनावश्यक रूप से सीवर कंपनी के संरक्षणकर्ता बनकर बैठे हैं, जिसके कारण पूरे शहरभर के आम नागरिक दो वर्ष से ज्यादा नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं तथा जिन अधिकारियों की नीरसता के कारण समूचा गौरी सरोवर दबंगों तथा भूमाफियाओं ने उसकी सीमाओं को समेट कर छोटा कर अनाधिकृत कब्जा कर लिया। अगर प्रशासनिक क्षमता है तो शिक्षा विभाग के उन अधिकारियों पर कार्रवाई करें जिन्होंने बच्चों की खेल सामग्री में घोटाला किया है तथा उन ठेकेदारों पर कार्रवाई कीजिए जो घटिया निर्माण कर मोटा कमीशन अधिकारियों-कर्मचारियों को देकर आमजन को मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर रहे है, तो निश्चित रूप से आपकी कार्रवाई जिले के लिए एक आदर्श नजीर बनेगी, परंतु दुर्भाग्य आपने संविधान को ताक पर रख कर मनमानी करने वाले लोकसेवक बन कर एकदम लोकतंत्र के विरोधी कृत्य कर अपनी संकीर्ण मानसिकता जाहिर की है। पर्यावरण संरक्षण की चिंता करने वालों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई के मुकद्दमे को शीघ्र वापस लिया जाए, अन्यथा आपका यह कृत्य केन्द्र व प्रदेश सरकार के मुखियाओं की मंशाओं के खिलाफ जनविरोधी कदम उठाना समझा जाा।
भाजपा नेता मुदगल ने ईश्वरीय कार्यरत में जुटे पर्यावरण संरक्षण कर्ताओं पर दर्ज की गई एफआईआर की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रेमियों की चिंता जायज है, जब समाजसेवी लोकतांत्रिक ढंग से वृक्ष बचाओ आंदोलन के लिए जिलाधीश को जनहित में ज्ञापन देने आए तो उन्हें जनहित की बात सुनना चाहिए तथा समस्या के निराकरण करना चाहिए। लेकिन अपनी हठधर्मिता के चलते आंदोलनकर्ताओं की बात न सुनना तथा उन मासूमों पर एफआईआर दर्ज करवाकर कलेक्टर ने मप्र शासन के मुखिया की मंशाओं के विपरीत आमजन की आवाज दबाने तथा पर्यवरण संरक्षण विरोधी जो कुत्सित प्रयास किया, यह सरासर निंदनीय है। ऐसे पर्यावरण विरोधी कलेक्टर को शीघ्र हटाए जाने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग करते हैं।