आशा कार्यकर्ताओं को तीन महीने से नहीं मिला वेतन, प्रदर्शन कर सौंपे ज्ञापन

-17 नवंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन की दी गई चेतावनी

भिण्ड, 04 नवम्बर। शहर में आशा और आशा सहयोगिनी श्रमिक संगठन से जुड़ी कार्यकर्ताओं ने संगठन की प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मी कौरव के नेतृत्व में अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने पहले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस यादव को ज्ञापन सौंपा और फिर रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपर कलेक्टर एलके पांडेय को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि उन्हें पिछले तीन-तीन महीनों से भुगतान नहीं मिला है।
संगठन की प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश भर की आशा और आशा सहयोगिनी पिछले तीन-तीन महीनों से भुगतान न मिलने से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि दीपावली जैसे त्योहारों पर भी उन्हें मेहनताना नहीं मिला, जबकि अन्य विभागों में कर्मचारियों और मजदूरों को समय पर वेतन व बोनस दिया जाता है। आशा कार्यकर्ता दिन-रात गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू बनाती हैं, लेकिन उनके साथ लगातार अन्याय हो रहा है।
ज्ञापन में कहा गया कि विभाग द्वारा कई बार आदेश जारी कर यह निर्देश दिया गया कि प्रत्येक माह की 5 तारीख तक प्रोत्साहन राशि का नियमित भुगतान किया जाए, लेकिन इसे आज तक लागू नहीं किया गया। संगठन का आरोप है कि विभाग कभी बजट की कमी तो कभी सॉफ्टवेयर बदलने का बहाना बनाकर भुगतान टाल देता है। संगठन का यह भी आरोप है कि इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की आशंका है और आशाओं की मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा अटका हुआ है।
ज्ञापन में यह मांगें शामिल
संगठन की ओर से ज्ञापन में बकाया वेतन और प्रोत्साहन राशि का तुरंत भुगतान किया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई 1500 रुपए की राशि का एरियर सहित भुगतान। प्रत्येक माह की 5 तारीख तक नियमित भुगतान सुनिश्चित करना। कार्य के दौरान दुर्घटना या मृत्यु की दशा में मुआवजा। सभी अस्पतालों में आशा रेस्ट रूम की व्यवस्था किए जाने और आशा दिवस का वार्षिक आयोजन किए जाने की मांगें शामिल हैं।
अनिश्चितकालीन आंदोलन की दी चेतावनी
लक्ष्मी कौरव ने चेतावनी दी है कि यदि शासन ने उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण नहीं किया, तो 17 नवंबर से जिलेभर में अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत की जाए उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगी। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो नारे के साथ अपनी एकजुटता दिखाई।