आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं को कर्मचारी के रूप में किया जाए नियमित

कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं ने मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

भिण्ड, 13 जुलाई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका एकता यूनियन के वैनर तले प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम महिला बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी अब्दुल गफ्फार को ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने कहा कि उनके द्वारा शासकीय कर्मचारियों की भांति लंबे अर्से से सेवाएं दी जा रही हैं। इसके बाद भी सरकारी कर्मचारी के दर्जे और न्यूनतम वेतन से वंचित हैं। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में बढ़ाए गए मानदेय के राशि में में कटौती और कर दी गई है। सेवानिवृत्ति पर भी घोषणा अनुसार राशि नहीं दी जा रही है। महामारी काल में बराबर से काम करने के बाद भी कोरोना योद्धाओं के लिए की गई घोषणाओं से वंचित हैं।

ज्ञापन सौंपती हुईं

संगठन अध्यक्ष साधना भदौरिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मानदेय में की गई कटौती अवैधानिक है। कार्यकर्ताओं को 1500 रुपए, उपकेन्द्र कार्यकर्ताओं को 1250 रुपए और सहायिकाओं को 750 रुपए मासिक का एरियर सहित भुगतान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सेवानिवृत्ति पर एक लाख रुपए प्रदान किए जाने, नियमितीकरण कर कार्यकर्ता को 30 हजार और सहायिका को 21 हजार रुपए मानदेय व सुविधाएं, अनुचित निर्देशों पर सेवा समाप्ति की प्रक्रिया रोके जाने, आईसीडीएस का किसी भी तरह के निजीकरण पर रोक लगाए जाने, कोरोना काल में मृत कार्यकर्ताओं के परिजन को बीमा राशि व आश्रित को सरकारी सेवा में लिए जाने की मांग की गई।

कोरोनकाल में मृत हुई आंगनबाड़ी कर्मियों के परिजनों को जल्द दी जाए बीमा राशि

संगठन अध्यक्ष साधना भदौरिया ने ज्ञापन द्वारा मांग की है कि समस्त आंगनबाड़ी कर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिया जाए। साथ ही कोरोना काल मे मृत हुई आंगनबाड़ी कर्मियों के परिजनों को 50 लाख रुपए बीमा राशि तुरंत मुहैया कराई जाए, उसके आश्रित को शासकीय सेवा प्रदान की जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों यूनियन के प्रतिनिधियों से परामर्श किए बिना यूनिफार्म के कलर व डिजाइन के निर्धारण को रोका जाए और वर्तमान में चल रही यूनिफार्म ही यथावत रखी जाए।