धर्म को पहचानने से ही समाज की पहचान बनती है : सैंथिया

भिण्ड,14 अप्रैल। प्रत्येक युग में धर्म ही जीवन शैली के विकास का आधार रहा है। धार्मिक मान्यताएं और उससे जुड़े हुए महापुरुषों के आचरण को जीवन में उतारना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। महापुरुषों का योगदान जिस समाज को याद रहता है, उस समाज को ही दुनिया याद करती है। यह बात ब्राह्मण महासभा महासभा के जिलाध्यक्ष बाबा भगवान दास सैंथिया ने परशुराम जन्मोत्सव एवं चल समारोह की तैयारियों के सिलसिले में गोरमी में आयोजित मण्डल की बैठक में व्यक्त किए।
इस अवसर पर गोरमी मण्डल के अध्यक्ष धर्मेन्द्र पाराशर ने कहा कि पूरे अंचल में जन्मोत्सव एवं चल समारोह का प्रचार किया जाएगा, घर-घर जाकर लोगों से निवेदन करके बड़ी से बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोगों को एकत्रित किया जाएगा। बैठक में जिले के प्रतिनिधियों के रूप में महामंत्री विजय दैपुरिया, डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला, उपाध्यक्ष बृजेश चौधरी, सचिव अनिल बोहरे, योगेश सैंथिया तथा गोरमी मण्डल के श्रीकृष्ण कटारे, जयवीर पुरोहित, हरिओम कटारे, सुभाष थापक, बृजमोहन मिश्रा, भगवती थापक, ओमप्रकाश चौधरी, पप्पू थापक, रमेश श्रोत्रिय, किशन प्रसाद कटारे इत्यादि उपस्थित रहे। जिलाध्यक्ष सैंथिया द्वारा धर्मेन्द्र पाराशर को गोरमी मण्डल का अध्यक्ष तथा भगवती थापक को मण्डल का कार्यक्रम संयोजक बनाया गया है।