सनातन धर्म में पेड़-पौधों को देवता की मान्यता : रामदास महाराज

दंदरौआ धाम में किया गया पौधारोपण, कई संत हुए शामिल

भिण्ड, 24 मार्च। पेड़ हमारे लिए जीवन दाता है, हमारी सनातन संस्कृति में वृक्ष को देवता का दर्जा दिया गया है। इसके पीछे हमारे पूर्वजों और ऋषियों की सोच रही कि ऑक्सीजन के भंडार के रूप में हमारे जीवन के लिए आवश्यक होने के कारण इनकी सुरक्षा हमारा धर्म है। यह उद्गार दंदरौआधाम में पौधारोपण करते हुए श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत रामदास जी महाराज ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मनुष्य और पर्यावरण दोनों परस्पर इतने संबंधित हैं कि उन्हें अलग करना कठिन है। एक प्रकार से मनुष्य और पर्यावरण प्रकृति के महत्व घटक हैं। महाराज जी ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि पौधे लगाने मात्र से पर्यावरण का संरक्षण नहीं हो सकता, जब तक पौधे को पेड़ बनने तक की जिम्मेदारी न ली जाए। हमें पौधा रोपण के बाद से ही उसकी देखभाल करने की जिम्मेदारी लेना होगी, तभी पर्यावरण का संरक्षण संभव है।
महंत रामदास जी महाराज ने कहा कि जरूरी है कि सामाजिक तौर पर पौधारोपण अभियान चलाया जाना चाहिए और एक संगठन के रूप में पौधे की देखभाल की जिम्मेदारी आपस में बांटकर उसे जिम्मेदारी से निभाया जाए, तभी पर्यावरण सुरक्षा का अर्थ सफल हो सकेगा। इस अवसर पर दंदरौआ धाम महंत रामदास महाराज, गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ किला ग्वालियर के संत बाबा सेवासिंह, संत बाबा लक्खा सिंह के अलावा अन्य लोगों ने बरगद, पीपल, जामुन, अर्जुन, नीम, शीशम, आम, पाखर एवं अन्य प्रजातियों के पौधे लगाऐ गए। पौधारोपण कार्यक्रम में रामबरन पुजारी, जलज त्रिपाठी, रामहरी शर्मा एडवोकेट, इलियास मोहम्मद खान, दर्शन सिंह लम्बरदार, जसबीर सिंह, डॉ. जोगा सिंह, गुरदेव सिंह प्रधान, बलवीर सिंह, पलबिन्दर सिंह, सुरेन्दर सिंह, संतोष सिंह, सतनाम सिंह, बलविंदर सिंह, रमेश कांकर, अभिषेक शास्त्री, मिच्चू बाबा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।।

सामूहिक विवाह सम्मेलन दो मई को

धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम परिसर में श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत रामदास जी महाराज के सानिध्य में निव्याबंधन सर्वजातीय शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति द्वारा दो मई को सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसके लिए पंजीयन की प्रक्रिया जारी है।