अटल प्रोग्रेस-वे के नाम पर चंबल बचाओ आंदोलन का अभियान चला

अटेर एसडीएम कार्यालय पर धरना आज, तैयारी पूर्ण

भिण्ड, 13 मार्च। चंबल क्षेत्र में जिन 10 हजार किसानों की जमीन अधिकृत की जा रही है, उन्हें भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार जमीन की बाजार की कीमत से तीन से पांच गुना मुआवजा दिया जाए, जो किसान पीढिय़ों से सरकारी जमीन पर खेती कर रहे हैं, उनका भी कब्जा दर्ज कर उन्हें भी जमीन के बदले जमीन दी जाए। अटेर क्षेत्र के जितने भी प्रभावित गांव से अटल प्रोग्रेसिव बे के नाम पर चंबल के किनारेजो रोड बनाई जा रही है, जहां किसानों जमीन छीनी जा रही है, उन किसानों को लेकर मप्र किसान सभा द्वारा 11 मार्च से चंबल के किनारे बसे प्रभावित गांव में मोटर साइकिल जत्था घुमाया जा रहा है। इस दौरान किसानों के बीच पर्चे वितरित कर उन्हें चंबल किनारे बनाई जा रही रोड से हो रहे नुक्सान के बारे में बताया जा रहा है। शुक्रवार से रविवार तक 30 गांव में अभियान चलाया जा चुका है। जिन नखलौली, सूरजपुरा, जमसारा, खिपौना, हिम्मतपुरा, मघारा, दिन्नपुरा, अटेर, नावली वृंदावन, गढेर, चोम्हों, नावली, अहरोली काली, बजरिया, कनेरा, कछपुरा, सालिमपुर, रानीपुरा, चिलोंगा, खैराट, रमा, बड़ेरी, कोषण सहित तीन दर्जनों गांवों में मप्र किसान सभा राज्य सचिव प्रेम नारायण माहौर, राज्य समिति सदस्य एवं भिण्ड किसान सभा जिला अध्यक्ष राजीव दीक्षित, सहायक जिला सचिव वीरेन्द्र कुशवाहा, उपाध्यक्ष नारायण शर्मा, राजेश शर्मा, राकेश प्रजापति, देवेन्द्र यादव, पंकज मिश्रा, भानसिंह कुशवाह, रविन्द्र यादव, करू नरवरिया, राजेश बघेल सहित तमाम किसान सभा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने अभियान चलाकर गांव तक चंबल बचाओ, किसान बचाओ अभियान को पहुंचाने का काम किया है।
मप्र किसान सभा जिला समिति भिण्ड के उपाध्यक्ष नारायण शर्मा ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि 14 मार्च को प्रभावित किसानों को लेकर मप्र किसान सभा अटेर एसडीएम कार्यालय पर धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपेगी। जिसमें भूमि अधिग्रहण मामले में पुन: नए सिरे से नोटिफिकेशन जारी कर समुचित प्रचार-प्रसार कर किसानों को व्यक्तिगत नोटिस जारी कर दावे आपत्ति ली जाएं, पीढिय़ों से जो किसान शासकीय भूमि पर काबिज होकर खेती का कार्य कर रहे हैं, उनका कब्जा इंद्राज कर उन्हें जमीन दी जाए, ऐसे किसानों की संख्या 30 हजार के लगभग है जो किसान दुगनी जमीन नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार बाजार मूल्य तीन से पांच गुना मुआवजा दिया जाए, एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर एक एक किमी के कॉरीडोर में कॉर्पोरेट कंपनियों के बजाय किसानों को जमीन आवंटित की जाए, किसान आधारित उद्योग लगाए जाएं, एक्सप्रेस वे पर प्रवेश के लिए बड़े-बड़े गांव के पास प्रवेश स्थल कट दिए जाएं, जो किसान जमीन के बदले दो गुनी जमीन ले रहे हैं, उन्हें जमीन को कृषि योग्य बनाने के लिए खाद बीज कृषि उपकरण लागत के लिए एक लाख रुपए प्रति बीघा आर्थिक सहायता दी जाए, साथ ही किसानों से की जा रही बैंक एवं बिजली वसूली स्थगित की जाए, क्षेत्र में पिछले एक वर्ष से जमीन क्रय एवं पट्टे धारियों के नाम सार्वजनिक किए जाएं, क्षेत्र में बनी गौशालाओं का उपयोग कर गायों का प्रबंध किए जाएं, आवारा जानवरों पर रोक लगाई जाए, आदि किसानों की मांगों को लेकर कल सैकड़ों किसान अटेर पहुंचकर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे। यह अभियान श्योपुर कला से लेकर कैलारस, सबलगढ़, मुरैना, जौरा, अंबाह, अटेर तक चलाया जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा किसानों से अटेर एसडीएम कार्यालय पर पहुंचने की अपील मप्र किसान सभा नेताओं ने की है।