मूर्ति विवाद वाला मामला सुलझा, एक हफ्ते में सीमांकन कर कराई जाएगी जगह उपलब्ध

भिण्ड, 07 मार्च। पिछले दिनों जनकपुरा वार्ड क्र.14 लहार में शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर लगाई गई मूर्ति को लेकर एसडीएम और वार्ड वासियों के बीच काफी विवाद हो गया था, यहां तक कि लोगों ने एसडीएम को घेर कर पत्थरबाजी एवं आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले को लेकर सोमवार को लहार एसडीएम और दंगा करने वाले लोगों के बीच एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें लहार एसडीएम तथा थाना प्रभारी लहार, बीएसपी नेता डॉ. विनोद तिवारी, नायब तहसीलदार नवीन भारद्वाज, तहसीलदार, प्रभारी सीएमओ नगर पालिका के अलावा पार्षद एवं कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिस विवादित जगह पर मूर्ति रखी हुई थी उस जगह का एक हफ्ते के अंदर सीमांकन कराया जाएगा और उचित जगह पर प्रशासन द्वारा जगह देकर डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का स्थापना कराई जाएगी। दोनों तरफ से सामंजस्य बिठाया गया, जिसमें दंगाइयों एवं आरोपित लोगों ने एसडीएम के समक्ष माफी मांगी एवं एसडीएम के साथ किए गए गलत व्यवहार को लेकर खेद प्रकट किया। उधर एसडीएम द्वारा भी अपने कहे गए कुछ शब्दों को लेकर खेद प्रकट कर उन्होंने कहा कि यह जनता जनार्दन है अगर मेरे द्वारा कोई भी गलत शब्द कह दिए हो तो मैं उन शब्दों को वापस लेता हूं। एसडीएम के बात पर सभी लोग सहमत हो गए एवं सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया, उसमें दोनों पक्ष प्रशासन की बात मानने को तैयार हो गए, अब इस मूर्ति विवाद पर कोई विवाद नहीं रहा।
एसडीएम ने कहा उस दिन आप लोगों ने इस तरह की घटना को अंजाम दिया वह एकदम गलत था, क्योंकि आप लोगों को किसी भी प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं करना चाहिए, अन्यथा आप लोगों के ऊपर मामला भी दर्ज हो सकता था, साथ ही उस समय सबसे बड़ी गलती आप लोगों ने यह की कि आप लोगों ने जो दंगा किया पत्थरबाजी की, उसमें आप लोगों के बच्चे भी साथ में थे, इस तरह की घटना का बच्चों पर यानी आने वाली पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ता है। इस तरह की घटना आप लोगों को बच्चों के सामने नहीं करनी चाहिए थी। क्योंकि आप बच्चों के माता-पिता हैं, आपने जो किया यह बच्चे देख रहे थे और वह भी इस तरह के कार्य में शामिल थे, तो यह बच्चों के लिए गलत संदेश था। इसलिए भविष्य में कभी भी इस तरह की हरकत ना करें, यदि आपके मन में कोई शंका थी तो आप लोग मेरे व अन्य वरिष्ठ लोगों के साथ बैठकर बातचीत से भी समस्या का समाधान किया जा सकता था, लेकिन उस दिन जो हुआ उसके लिए मैं भी खेद प्रकट करता हूं, मैंने आप लोगों के खिलाफ कोई भी मुकद्दमा तथा कानूनी कार्रवाई नहीं कराई, इस बात पर सहमत होकर दोनों पक्ष तैयार हो गए और हंसी खुशी से मूर्ति विवाद सामंजस्य से निपट गया। अब कोई विवाद नहीं रहा। मूर्ति के लिए नई जगह देखकर मूर्ति की स्थापना कराने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान उपस्थित लोगों ने एसडीएम के व्यवहार की भरपूर प्रशंसा की और बधाई दी तथा इसके साथ ही लोगो ने एसडीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा।