ग्वालियर, 01 मार्च। शिक्षा-संस्कृति-उत्थान न्यास नई दिल्ली (मध्यभारत प्रांत, विभाग ग्वालियर) व भाषा अध्ययन केन्द्र, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मातृभाषा पखवाड़ा समारोह का आयोजन भाषा विभाग के समन्वयक डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ के सहयोग और सानिध्य से किया गया। कार्यक्रम का विषय मातृभाषा कल, आज और कल था। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. राकेश दुबे के वैदिक मंगलोच्चार व अतिथियों के सरस्वती पूजन से हुआ। उदयभान रजक ने जोशीला गीत गाया। संस्कृत विभाग से डॉ. ज्योत्स्ना राजावत ने आगंतुकों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की आसंदी से बोलते हुए राजकिशोर वाजपेयी ने कहा कि भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को एक दूसरे तक पहुंचाते है। विलुप्त हो रही भाषाओं पर चर्चा हुई। विभाग के शिक्षकों ने भी संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं की बातें रखी। साथ ही मूलत: राजस्थान के रहने वाले मारवाड़ी बोली बोलने वाले कृष्णकांत पंचारिया भाषा अध्ययन केन्द्र जीवाजी विश्वविद्यालय सहित ग्वालियर में संस्कृत व शिक्षण का कार्य कर रहे है। उनका समर्पण और सक्रियता को देखते हुए भाषा केन्द्र के शिक्षकों ने शाल व श्रीफल देकर कृष्णकांत पंचारिया को सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली मध्य क्षेत्र संयोजक धीरेन्द्र भदौरिया ने सभी से राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अध्ययन करने का आग्रह किया। सभी का आभार डॉ. धर्मेन्द्र शर्मा व संचालन डॉ. राहुल श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर डॉ. वन्दना कुशवाह, डॉ. ज्योत्स्ना सिंह राजावत, डॉ. साधना अग्रवाल, डॉ. निशी भदौरिया, डॉ. रीना भार्गव, डॉ. नीलिमा, डॉ. रचना राठौर, आस्था राजावत, दीपक शर्मा, अच्छा त्यागी, नितेश कटारे, संदीप सिंह, देवेन्द्र सिरोलिया, सोनाली माहौर, मीना, आकांक्षा चौहान सहित विभाग के सभी छात्र व शिक्षक उपस्थित रहे।