भागवत कथा में सुदामा चरित्र और कृष्ण-रुक्मिणी विवाह की हुई लीला

बरहद में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का विशाल भण्डारा आज

भिण्ड, 24 फरवरी। मेहगांव क्षेत्र के ग्राम बरहद में मौनी बाबा के पुराने मन्दिर पर चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में अंतिम दिन गुरुवार को भागवताचार्य पं. रामअवतार कटारे ने भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का वर्णन किया। जिसमें कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की मनोरम झांकी प्रस्तुत की गई। जिसके बाद भागवताचार्य कटारे ने भगवान कृष्ण और सुदामा के चरित्र का भी वर्णन किया। जिसमें बताया कि किस प्रकार मित्रता निस्वार्थ होती है। एक जगत के पालनहार दूसरा निर्धन ब्राह्मण एक के पास संसार के सभी सुख, समृद्धि दूसरे के पास एक समय का भोजन भी नहीं फिर भी मित्रता में एक दूसरे से द्वेष, ईष्र्या या लोभ लालच नहीं। मित्र ने बिना पूछे दूसरे मित्र के कष्ट पड़ लिए और पलक झपकते जीवन बदल दिया और मित्र को इस नि:स्वार्थ मदद का अहसास भी नहीं होने दिया।


आचार्य पं. रामअवतार कटारे की मधुर वाणी से कथा को श्रवण करने ग्राम बरहद एवं आस-पास के कई गांव के लोग भारी संख्या में आ रहे हैं। आज कथा को विराम दिया गया। शुक्रवार को हवन पूजन के साथ विशाल भण्डारे का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें हजारों लोगों के लिए भोजन प्रसादी का निर्माण किया जा रहा है।