हाईकोर्ट ने नियमित लोक अभियोजकों को विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त करने के राज्य सरकार के निर्णय को रखा बरकरार

भोपाल, 16 फरवरी। मप्र हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति/ जनजाति अधिनियम के तहत नियमित लोक अभियोजकों को विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त करने के राज्य सरकार के निर्णय को बरकरार रखा।
जानकारी के अनुसार 18 जनवरी 2022 को मप्र शासन विधि एवं विधायी कार्य विभाग भोपाल द्वारा आदेश किया गया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) 1989 के अधीन प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए इस अधिनियम की धारा 15 के तहत नियमित उपसंचालक, जिला लोक अभियोजन अधिकारी/ अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं समस्त सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिनकी सेवा अवधि सात वर्ष हो गई है को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। उपरोक्त विशेष लोक अभियोजक को अनुसूचित जाति/ जनजाति की विशेष न्यायालय में पैरवी के लिए आदेशित किया गया था। मप्र सरकार के उक्त आदेश के विरुद्ध एक अधिवक्ता ने एक रिट याचिका द्वारा एसपीपी विशेष लोक अभियोजक जो पहले से विशेष न्यायालय में राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे थे, के द्वारा राज्य सरकार के उक्त आदेश को चुनौती मप्र हाईकोर्ट में दी गई थी। जिनकी याचिका को मप्र हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर मप्र शासन के आदेश को बरकरार रखने का आदेश पारित किया है।