गांव की पगडंडियों पर जो सुकून है, वो शहर की गलियों में कहां

– छिंदवाडा बना मध्य प्रदेश का नया टूरिज्म हॉट स्पॉट
– मप्र पर्यटन बोर्ड की फीचर स्टोरी

भोपाल, 22 अगस्त। सतपुडा की वादियों में बसे छिंदवाडा जिले के पर्यटन-ग्राम अब पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण बन गये हैं। ग्रामीण जीवन, जनजातीय संस्कृति, पहाडी ट्रैकिंग और लोक नृत्य सब कुछ एक ही जगह पर्यटकों को मिल रहा है। पिछले 2 वर्षों में यहां बनाए गए होम-स्टे को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहचान मिली है। मध्य प्रदेश में होम-स्टे के माध्यम से पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति तथा ग्रामीण जीवन के अनुभव कराने के उद्देश्य से ग्रामीण पर्यटन परियोजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के 100 गांवों को पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है।

होम-स्टे से रूका पलायन
मप्र टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित किए गए छिंदवाडा जिले के पर्यटन ग्रामों के होम-स्टे देश-प्रदेश के पर्यटकों को खूब भा रहे हैं। हर सप्ताह यहां हजारों की संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। जिले के 12 गांवों को पर्यटन ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। इनमें से 7 गांव सावरवानी, देवगढ, काजरा, गुमतरा, चोपना, चिमटीपुर और धूसावानी में 36 होम-स्टे पर्यटकों के लिये खोले जा चुके हैं। होम-स्टे खुलने से ग्रामीण रोजगार और उच्च शिक्षा का रुझान बढा है। साथ ही जनजातीय परिवारों का पलायन भी रूक गया है। गांव के युवा गाइड के रूप, लोक नृत्य और भजन मंडली की प्रस्तुति और बैलगाडी संचालन से सैलानियों को ग्रामीण जन-जीवन से अवगत कराते हुए अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रहे हैं।
हर पर्यटन ग्राम की अपनी पहचान
छिंदवाडा जिले के हर पर्यटन ग्राम की अपनी विशेषता है। भोपाल मार्ग पर साल के जंगल के बीच बसे चोपना में देवना नदी का अदभुत नजारा, पातालकोट के चिमटीपुर गांव की रहस्यमयी वादियां, पेंच नेशनल पार्क के करीब ऑफबीट डेस्टीनेशन गुमतारा, देवगढ में गोंड शासन का ऐतिहासिक किला, काजरा में बंधान डेम के बेकवॉटर्स का सौंदर्य और धूसावानी गांव के चौरागढ महादेव मन्दिर का दृश्य और आम के बागान पर्यटकों को यहां बार-बार आने के लिए प्रेरित करते हैं। होम-स्टे में पर्यटक गाय का दूध दोहने, खेत के कामों में हाथ बटाने और पहाडियों पर ट्रैकिंग करने जैसे अनुभव जीते हैं। ढोलक-मंजीरे के साथ भजन और कर्मा नृत्य मंडलियों की प्रस्तुति भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। अब छिंदवाडा सिर्फ पर्यटन नहीं बल्कि सतत ग्रामीण विकास का राष्ट्रीय मॉडल बन रहा है।