फाइलों में 100 करोड के भुगतान, हकीकत में सडकें और अन्य कार्य कहीं नहीं दिख रहे : नरेन्द्र सिंह

भिण्ड विधायक ने पांच वर्षों की राजनीति को बताया भ्रष्टाचार का माध्यम

भिण्ड, 08 दिसम्बर। भिण्ड विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने प्रेस वार्ता के दौरान पिछले पांच वर्षों की राजनीति और नगर विकास कार्यों पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भिण्ड क्षेत्र में राजनीति सेवा और समर्पण का माध्यम बनने की बजाय कमाई और भ्रष्टाचार का जरिया बन गई। उन्होंने पूर्व विधायकों और नगर पालिका के कामकाज को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार और दलबदल की राजनीति को आडे हाथों लिया।
कुशवाह ने कहा कि भिण्ड के तत्कालीन विधायक ने अल्पमत कमलनाथ सरकार को कामधेनु की तरह इस्तेमाल किया और मनमाने तरीके से उसका दोहन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता का लाभ उठाकर योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार हुआ और जब सरकार गिरी तो वे दल बदलकर भाजपा में शामिल हो गए। टिकिट न मिलने पर फिर से बसपा का दामन थाम लिया। उन्होंने इसे राजनीति के गिरते हुए स्तर का उदाहरण बताया।
विधायक कुशवाह ने नगर पालिका भिण्ड को पिछले पांच वर्षों में दूध देती गाय की उपमा दी। उन्होंने बताया कि लगभग 100 करोड रुपये के वर्क ऑर्डर जारी किए गए, जिनका भुगतान भी कर दिया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने जांच टीम के आने की जानकारी देते हुए कहा कि फाइलों में तो 100 करोड के भुगतान के दस्तावेज मिल रहे हैं, लेकिन हकीकत में सडकें और अन्य काम कहीं दिखाई नहीं दे रहे।
सीवर प्रोजेक्ट और नल-जल योजना में भ्रष्टाचार का आरो
विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने 120 करोड रुपए के सीवर प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से यह परियोजना स्वीकृत हुई थी, जिसमें सीवर लाइन डालने के बाद सडक निर्माण का प्रावधान था। लेकिन घटिया क्वालिटी के पाइप लगाए गए और सडकें नहीं बनाई गईं। कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की वजह से आज भिण्ड शहर की दुर्दशा हो रही है। उन्होंने 250 करोड की नल-जल योजना पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ गई। इन योजनाओं में काम करने की बजाय केवल फाइलों में आंकडे दिखाए गए और जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया।
विधायक कुशवाह ने जनता से अपील की कि वे इन कारनामों को समझें और आने वाले समय में सही निर्णय लें। उन्होंने कहा कि भिण्ड का विकास तभी संभव है, जब भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन स्थापित हो।