सागर, 01 दिसम्बर। तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत नेे नाबालिगा को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाकर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त अश्विन मण्डल को धारा 366 भादंवि के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(3) भादंवि में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, पॉक्सो एक्ट की धारा 5एल/6 में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता की मां) ने तीन मार्च 2022 को थाना सानौधा में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दो मार्च को रात 10 बजे वह और उसके बच्चे खाना खाकर सो रहे थे। पीडित बालिका उसके साथ सो रही थी, तीन मार्च को वह सुबह छह बजे सोकर उठी तो उसकी बालिका नहीं थी, उसने सोचा कि वह निस्तार के लिए गई होगी, लेकिन बहुत देर तक बालिका नहीं आई, तो उसने बालिका की तलाश आस-पास की, लेकिन काई पता नहीं चला, किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए एवं बालिका को दस्तयाब किया जाकर उसके कथन लेख किए गए, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सानौधा पुलिस ने धारा 363, 366ए, 376, 376(2)(एन), 376(2)(आई) भादंसं, धारा-3/4, 5एल/6, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आईआई), 3(2)(व्ही) अजा व अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।