जिला दण्डाधिकारी ने धारा 144 में जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश
सोशल मीडिया पर जारी होने वाले संदेशों की जिम्मेदारी ग्रुप एडमिन की होगी
भिण्ड, 16 नवम्बर। जिला दण्डाधिकारी भिण्ड संजीव श्रीवास्तव ने जिला भिण्ड की राजस्व सीमाओं के भीतर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के आधीन यह प्रतिबंधित आदेश प्रसारित कर कहा है कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों जैसे व्हाट्स-एप, फेसबुक, हाईक, ट्वीटर, एसएमएस, इंस्टाग्राम इत्यादि का दुरुपयोग कर धार्मिक, सामाजिक, जातिगत भावनाओं एवं विद्वेष को भडकाने के लिए किसी भी प्रकार के संदेशों के प्रसारण नहीं करेगा।
कोई भी व्यक्ति उपरोक्त वर्णित सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म में किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक एवं उन्माद फैलाने वाले संदेश, फोटो, ऑडियो, वीडियो इत्यादि भी सम्मिलित हैं, जिसमें धार्मिक, सामाजिक, जातिगत आदि भावनायें भडक सकती हैं या साम्प्रदायिक विद्वेष पैदा होता हो, जैसे संदेशों को न ही प्रसारित करेगा या भेजेगा। सोशल मीडिया के किसी भी पोस्ट जिसमें धार्मिक, साम्प्रदायिक एवं जातिगत भावना भडकती हो, को कमेंट, लाइक, शेयर या फारवर्ड नहीं करेगा। सोशल मीडिया प्लेटफार्म में ग्रुप एडमिन की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोके। कोई भी व्यक्ति सामुदायिक, धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने या लोगों अथवा समुदाय के मध्य घृणा, वैमनस्यता पैदा करने या दुष्प्रेरित करने या उकसाने या हिंसा हेतु फैलाने का प्रयास उपरोक्त माध्यमों से नहीं करेगा और न ही इसके लिये प्रेरित करेगा।
कोई भी व्यक्ति अफवाह या तथ्यों को तोड मरोड कर भडकाने उन्माद उत्पन्न करने वाले संदेश जिससे लोग या समुदाय विशेष हिंसा या गैर कानूनी गतिविधियों में संलग्न हो जाए, को प्रसारित नहीं करेगा और न ही लाइक, शेयर या फॉरवर्ड करेगा तथा न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति/ समुदाय ऐसे संदेशों को प्रसारित नहीं करेगा जिनसे किसी व्यक्ति/ संगठन/ समुदाय आदि को एक स्थान पर एक राय होकर जमा होने उनसे या कोई विशेष कार्य या गैर कानूनी गतिविधियां करने हेतु आव्हान किया गया हो, जिससे कानून एवं शांति व्यवस्था भंग होने की प्रबल संभावना विद्यमान हो। यह प्रतिबंधात्मक आदेश पांच दिसंबर तक तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, सायवर विधि तथा अन्य अधिनियमों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।