परमात्मा का चिंतन करने से आती है जीवन में सकारात्मक ऊर्जा : दीपा दीदी

भिण्ड, 07 अक्टूबर। गोल्डन वल्र्ड रिट्रीट सेंटर मालनपुर में चल रही संगीतमयी आध्यात्मिक श्रीमद् भगवद गीता के पांचवे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी दीपा दीदी ने भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि श्रीकृष्ण-राधे ने पिछले जन्मों में श्रेष्ठ कर्म किए, तभी इतने बडे पद को प्राप्त किया। जो सर्वगुण संपन्न 16 कलाओं से संपूर्ण हो, ऐसी पवित्र श्रेष्ठ आत्मा सतयुग दुनिया में सुंदर और वही आत्मा फिर विकारों में गिरने के कारण तमोप्रधान होने से श्याम बन जाती है। जीवन में सच्ची सुख शांति तभी आएगी जब अमृतवेला का योग करेंगे, रोज परमात्मा की वाणी सुनेंगे और पूरे दिन में मर्यादा का पाठ याद रखेंगे, अपना व्यवहार मधुर बनाएंगे, सबके साथ अच्छा व्यवहार करेंगे, हर एक आत्मा का सम्मान करेंगे। राजयोग सिखाता है जीवन जीने की कला, जिससे हो जाता है सुंदर गला। सच्ची सत्यनारायण की सुनेंगे कथा, जिससे मिट जाती है जीवन की व्यथा। उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब होता है जीवन में श्रेष्ठ गुणों की धारणा, जब तक श्रेष्ठ गुणों की धारणा नहीं होगी तब तक हम धार्मिक नहीं कहला सकते। नास्तिक वह है जो भगवान को नहीं मानते, आस्तिक वह है जो भगवान को मानते हैं और स्वास्तिक वह हैं जो भगवान की श्रीमत पर चलते हैं। अभी वर्तमान समय परमात्मा के मत पर चलने से सुख शांति प्राप्त करेंगे। जब तक हम जीवन में श्रेष्ठ कर्म नहीं करेंगे, तब तक भगवत प्राप्ति नहीं होगी।
दीदी ने सभी को नशा मुक्त रहने की प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यसन भी व्यक्ति के लिए एक प्रकार का नशा है, जो मनुष्य को पतन की ओर ले जाता है, नशा कुछ नहीं हमारे नकारात्मक सोच का परिणाम है। जिससे हमारी आर्थिक और शारीरिक स्थिति कमजोर होती है। इसका प्रभाव केवल नशा करने वाले पर नहीं, लेकिन उसके पूरे परिवार पर पडता है। नशे की शुरुआत गलत, नकारात्मकता और विकृत सोच से होती है। किसी भी तरह का नशा करने के बाद कुछ समय के लिए हमारे दिमाग में जो संदेशवाहक कोशिकाएं हैं वह शांत हो जाती हैं। अपना संदेश देना मस्तिष्क को बंद कर देती है और हमें लगता है कि हमें आनंद आ रहा है। जबकि हकीकत यह है कि हमारे दिमाग की शक्ति कम होती है।
कथा में नन्हे-मुन्ने बाल कलाकारों द्वारा श्रीकृष्ण की चरित्र का वर्णन नृत्य कला से बहुत ही अच्छे रूप से दिखाया गया। कार्यक्रम में मामा ढाबा के संचालक रामबाबू यादव, मिथुन यादव, व्यापारी चमचा लाल यादव एवं रमाकांत, पटवारी मंजू कुशवाहा एवं ब्रह्माकुमारी संस्था से कृष्णा बहन, दीपिका बहन, मंजरी बहन, अर्चना बहन, ज्योति बहन, रुक्मणी बहन, नेहा बहन, मोहिनी बहन, सुमन बहन, नीलेश भाई, नीतेश भाई, आशीष भाई उपस्थित थे।