ग्वालियर, 31 जुलाई। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ग्वालियर महेन्द्र सैनी की अदालत ने जमीनी विवाद को लेकर मारपीट करने वाले आरोपीगण किशोरी, लक्ष्मण, विनोद, रमेश, पातीराम को धारा 148, 325 भादंवि में एक-एक वर्ष सश्रम कारावास एवं धारा 323 भादंवि में छह माह सश्रम कारावास एवं कुल 8500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी कर रहे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अभिषेक सिरौठिया ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पांच मार्च 2014 को फरियादी हरप्रसाद कुशवाह निवासी कुल्लू की बगिया, अयोध्या नगरी ने थाने में उपस्थित होकर आरोपीगण किशोरी रजक, लक्ष्मण कुशवाह, विनोद धोबी, पातीराम एवं रमेश कुशावह के विरुद्ध इस आशय की मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका जमीन का विवाद किशोरी रजक, लक्ष्मण कुशवाह एवं रमेश कुशवाह से चल रहा है, उक्त दिनांक की शाम पांच बजे जमीन के विवाद को लेकर उक्त लोग उसे धमकी देकर चले गए, फिर रात्रि आठ बजे उसी जमीन के विवाद को लेकर उसके घर के दरवाजे पर गालियां देने लगे। सभी लोग हथियार से लैस थे, किशोरी रजक ने उसके भतीजे अशोक के साथ सरिये से मारपीट की, जो सिर में लगने से चोट आई व खून निकला, दूसरा सरिया बांए हाथ के पंजे में लगा, विनोद रजक ने अशोक को लाठी से दोनों पैरों में मारा जिससे उसे चोट आई। उसके लडके लेखराज को लक्ष्मण कुशवाह ने हॉकी से मारपीट की, जिससे लेखराज के दांए पैर की पिडली एवं दांई जांघ, हाथों एवं पीठ में चोट आई। तभी पातीराम कुशवाह आया उसने अपने हाथ में लिए सरिये से दिलीप को मारा, जिससे उसके शरीर में जगह-जगह मूंदी चोटें आईं एवं रमेश कुशवाह ने डण्डे से दिनेश की मारपीट की, जिससे उसके दोनों पैरों व हाथों में चोटें आई। तभी किशोरी रजक के और साथी आ गए जिन्होंने गीता, चम्पा व हरिसिंह की मारपीट की, जिससे गीता की कमर में, चम्पा के दाहिने पैर में, हरिसिंह के दोनों पैरों में मूंदी चोटें आईं। सभी बोल रहे थे आज तो बच गए, आइंदा जान से खत्म कर देंगे। उक्त रिपोर्ट पर से थाने में अपराध क्र.187/2014 पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आहतगण का मेडिकल परीक्षण कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट से अशोक व लेखराज को गंभीर उपहति होना पाए जाने से धारा 325 भादंसं का इजाफा किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। साक्षीगण के कथनों एवं अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने आरोपीगण को सजा सुनाई है। संपूर्ण विचारण उपरांत न्यायालय ने आहत अशोक व लेखराज को पांच-पांच हजार रुपए तथा गीता, दिनेश, दिलीप, चंपाबाई को एक-एक हजार रुपए की क्षतिपूर्ति प्रतिकर स्वरूप प्रदान की है।