सागर, 27 जुलाई। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वालेे आरोपी गोटी उर्फ कंछेदी अहिरवार को दोषी करार देते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(स), सहपठित धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 450 भादंसं में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता) ने 20 फरवरी 2021 को थाना नरयावली में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि वह अभियुक्त गोटी अहिरवार को जानती है, दो दिन पहले वह सुबह मम्मी-पापा के साथ खेत पर काम करने गई थी। वह खेत से दोपहर 12 बजे मोबाइल चार्ज करने अकेले घर आई एवं कमरे में मोबाइल चार्ज पर लगा रही थी, कमरे का दरवाजा खुला था। तभी कमरे में अभियुक्त गोटी अहिरवार आ गया और उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया और धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो जान से खत्म कर देगा, फिर घर से चला गया था। उसने डर के कारण यह बात किसी को नहीं बताई, फिर जब वह दोबारा खेत से मोबाइल चार्ज करने अपने घर आई तो दिन में 12 बजे फिर से अभियुक्त गोटी उसके कमरे में आया और उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया। गोटी जब गलत काम कर रहा था तो पडोस में रहने वाली भाभी ने देख लिया था, तब गोटी ने घर से जाते समय उसे जान से मारने की धमकी दी थी, फिर उसने शाम को मां को घर पर पूरी बात बताई थी एवं सुबह भाभी ने भी मम्मी को बताया कि गोटी ने उसके साथ गलत काम किया है। उसकी मां ने उसके पिता को बता दिया, जिसके बाद वह मम्मी-पापा के साथ रिपोर्ट करने गई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध अंतर्गत धारा 450, 376(2)(एन), 376 (3), 506 (भाग-2) भादंसं एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(स), सहपठित धारा 6, धारा 3, सहपठित धारा 4(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया गया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।