सागर, 01 जुलाई। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने नाबालिगा के साथ जबरन दुष्कर्म करने वालेे आरोपी अजय पटैल को दोषी करार देते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एल), सहपठित धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 450 भादंवि में पांच वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 506(भाग-2) में चार वर्ष सश्रम कारावास व 200 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका के पुर्नवास के लिए उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर दो लाख रुपए दिए जाने का आदेश भी दिया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता) ने तीन फरवरी 2021 को थाना केंट में रिपोर्ट लेख कराई कि वह आरोपी को करीब चार माह से जानती है, वह उसके पडोसी के घर आता-जाता था, जिस कारण उसकी आरोपी अजय से पहचान हो गई थी। अभियुक्त अजय उससे कहता था कि वह उसे अच्छी लगती है और कभी-कभी उससे मिलने घर की तरफ आ जाता था। 20 नवंबर 2020 को दोपहर करीब दो बजे की बात है, वह घर पर अकेली थी तब अभियुक्त अजय घर आया और उससे पूछा कि घर पर कौन है, तो उसने बताया कि सभी काम पर गए हैं, फिर अभियुक्त अजय थोडी देर बैठा और घर के दरवाजे लगा लिए। उसने कहा कि ये क्या कर रहे हो तो वो उसके साथ गंदी हरकत करने लगा और जबरदस्ती उसके साथ गलत काम किया। फरियादिया चिल्लाई लेकिन आस-पास कोई नही था। उसने अजय से कहा कि वह उसकी शिकायत करेगी तो अजय ने कहा कि उसका पिता व भाई दोनों काम पर जाते हैं यदि उसने किसी को बताया तो दोनों घर वापस नहीं आ पाएंगे। जिससे वह डर गई और उसने यह बात किसी को नहीं बताई। उसके बाद आए दिन अजय उसके साथ गलत काम (दुष्कर्म) करता था। यह बात वह अपनी मां को बताना चाह रही थी, लेकिन बता नहीं पा रही थी। फिर एक फरवरी 2021 को हिम्मत करके उसने अपनी मम्मी को सारी बात बता दी, उसके बाद मम्मी-पापा के साथ अजय के खिलाफ रिपोर्ट लेख कराई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना केंट पुलिस ने धारा 450, 506(भाग-2), 376(2)(एन) भादंसं एवं धारा 5(एल), सहपठित धारा-6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उक्त सजा से दण्डित किया है।