माहिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास

दूसरे आरोपी को 20 साल की सजा
चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण में दोषसिद्धि

रायसेन, 01 जुलाई। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (अजा एवं अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम) जिला रायसेन के न्यायालय ने प्रकरण क्र.27/2020 में निर्णय पारित करते हुए महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपीगण कुंवरलाल पुत्र हल्कोरी नोरिया उम्र करीब 26 वर्ष, प्रीतू उर्फ प्रताप पुत्र नारायण सिंह बेडिया उम्र करीब 26 वर्ष निवासीगण ग्राम बोरास, थाना उदयपुरा, जिला रायसेन को धारा 376डी भादंसं में दोषी पाते हुए 20-20 वर्ष सश्रम के कारावास एवं आरोपी कुंवरलाल नोरिया को धारा 3(2)(1) एससी/एसटी एक्ट में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं दो-दो हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। उक्त प्रकरण शासन द्वारा चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज मामलों में से एक था। इस मामले में राज्य की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी रायसेन अनिल कुमार मिश्रा एवं विशेष लोक अभियोजक जिला रायसेन धनीराम विश्वकर्मा ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादिया (पीडिता) ग्राम भुईपार, थाना बटका, जिला छिंदवाडा में रह कर मेहनत मजदूरी करती है। लगभग एक महीने पहले वह मजदूरी करने के लिए आमगांव बम्हौरी आई थी, काम खत्म होने के कारण उसने उसकी पहचान के सचिन राजपूत को फोन करके वर्धा बम्हौरी थाना सिलवानी में मजदूरी के रुपए लेने जाने के लिए साथ चलने को बुलाया, सचिन के आने पर दोनों आमगांव बम्हौरी से बस में बैठकर उदयपुरा गए, उदयपुरा में बस नहीं मिलने से दोनों ट्रेक्टर में बैठकर बौरास तिराहा पर रात लगभग 10 बजे उतर गए। ट्रेक्टर वाले ने बोला रात बहुत हो गई है, पास के मन्दिर में रात बिताकर सुबह चले जाना, मन्दिर जाते समय रास्ते में एक व्यक्ति मिला, जिसे सचिन जानता था, उसका नाम कुंवरलाल था, उसने बोला कि मन्दिर की धर्मशाला में ताला लग गया है तथा उसके साथ घर चलने के लिए कहा, तब पीडिता तथा सचिन उसके साथ घर गए, वहां पर खाना खाया और लेट गए, इतने में आरोपी कुंवरलाल ने मंजू व प्रीतू को बुला लिया, उन तीनों ने बैठकर शराब पी, उसके बाद आरोपीगण ने पीडिता के साथ गलत हरकत करना शुरू की, तो पीडिता की आवाज सुनकर सचिन जाग गया, तब तीनों आरोपियों ने सचिन को बांधकर उसे खटिया पर पटक दिया और पीडिता को जमीन पर पटककर प्रीतू ने उसके कंधे पकड लिए तथा तीनों आरोपियों ने उसके साथ गलत काम किया और भाग गए। उसके पश्चात पीडिता व सचिन गांव के कोटवार सूरज मेहरा के घर गए और उसे साथ लेकर थाना उदयपुरा रिपोर्ट करने गए। पीडिता की रिपोर्ट के आधार पर से आरक्षी केन्द्र उदयपुरा के अपराध क्र.44/2020, धारा 376डी भादंसं एवं धारा 3(2)(1) अजा एवं अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अधीन मामाला पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। विवेचना के दौरान घटना स्थल का नक्शा मौका बनाया गया, पीडिता का मेडीकल परीक्षण कराया गया, पीडिता के 164 दंप्रसं के कथन न्यायालय के समक्ष कराए गए। साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए तथा आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।