भिण्ड, 20 जून। विद्युत विभाग द्वारा अघोषित बिजली कटौती के चलते उपजेल मेहगांव में पिछले दो दिन से 120 बंदी बूंद-बूंद पानी के लिए परेशन हैं। पानी की समस्या को देखते हुए जेल अधीक्षक द्वारा लगातार फोन पर संपर्क करने के बाद सिर्फ आश्वासन के बजाय कुछ हासिल नहीं हो सका।
मेहगांव नगर में बिजली की अघोषित कटौती से क्षेत्र की जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि समय पर नलों में पानी नहीं आने के कारण मजदूर अपने काम से वंचित हो जाते हैं व शासकीय अशासकीय कर्मचारियों को कार्यालय पहुंचने में बिलंब के कारण अधिकारियों की डांट का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र वासियों की अनुसार बिजली की लाइन या ट्रासंफार्मर में फाल्ट संबंधी जानकारी देने के लिए बिजली अधिकारियों को फोन लगाया जाए तो कोई भी अधिकारी फोन नहीं उठाता। अगर बिजली विभाग के कार्यालय में जाकर शिकायत करें तो विभाग के अधिकारी अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते हुए लोगों की बात सुनने से अधिक अपने पद और ज्ञान का रौव झाड़ते हुए लोगों को प्रताडि़त करते हैं। बुजुर्गों का कहना है कि हमारे जीवन में पहली बार बिजली विभाग में ऐसा डीई आया है जो इतनी अभद्रता बात करता है। बिजली की अघोषित कटौती से तहसील मुख्यालय के समस्त अधिकारी कर्मचारी भी परेशान हैं, मगर बिजली कब आएगी कब जाएगी कोई नहीं जानता।
इनका कहना है-
दो दिन से बिजली न मिलने से जेल परिसर में प्रकाश की समुचित व्यवस्था न होना जेल जैसे संस्थान के लिए पल पल खतरे से खाली नहीं है, लॉकअप में 120 बंदियों के लिए पानी का संकट पैदा हो गया है। बार-बार बिजली विभाग के अधिकारी से बात करने पर सिवाय आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। जेल जैसे अतिसंवेदनशील संस्थान के प्रति बिजली विभाग के उदासीन रवैया से कोई संकट उत्पन्न हो जाए इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।
रामगोपाल पाल, अधीक्षक, उपजेल मेहगांव