ग्वालियर, 16 जून। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं त्रयोदशम अपर सत्र न्यायाधीश जिला ग्वालियर श्रीमती आरती शर्मा के न्यायालय में विचाराधीन विशेष प्रकरण क्र.188/21 में नाबालिग बालका के साथ गलत काम (दुष्कर्म) करने वाले आरोपी को धारा 376(एबी) भादंवि, सहपठित धारा 3(2)(पांच) एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में तीन माह का सश्रम कारावास भुगताया जाएगा।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरण की घटना के बारे में बताया कि फरियादी (अभियोक्त्री की मां) ने थाना बहोड़ापुर में उपस्थित होकर एक टाईपशुदा आवेदन प्रस्तुत किया कि चार जुलाई 2021 के करीब 12 बजे वह अपनी ससुराल सिंकदर कम्पू अपने पति के साथ गई थी, तब अभियुक्त शाहरूख को घर पर ही छोड़ कर गए थे, शाहरूख से उसके पति ने कहा था कि बच्चों का ध्यान रखना, हम थोड़ी देर में आ जाएंगे। अभियोक्त्री की नानी जो कि पास में रहती थी वह भी बच्चों को देखती रहती थी। जब शाम आठ बजे अभियोक्त्री की मां घर वापस आई तो उसने बताया कि शाहरूख ने उसके साथ गलत काम किया है, फिर अभियोक्त्री से कहने लगा कि किसी को बताना मत मैं तुझे 50 रुपए दूंगा, अभियोक्त्री की मां ने यह बात अभियोक्त्री के पिता को बताई। अभियुक्त शाहरूख अभियोक्त्री के पिता के साथ फैक्ट्री में काम करता था और अभियोक्त्री भी वहीं खेलती रहती थी, इसलिए अभियोक्त्री अभियुक्त शाहरूख को जानती है। अभियोक्त्री की मां द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर पुलिस थाना बहोड़ापुर जिला ग्वालियर के अपराध क्र.495/2021 पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत साक्षीगण के कथन लेखबद्ध कर बाद चिकित्सीय परीक्षण, नक्शा मौका बनाया जाकर अभियुक्त को गिरफ्तार कर संकलित प्रदर्शों को क्षेत्रीय न्यायालिक विज्ञान प्रयोगशाला प्रेषित करने के उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अभियुक्त को सजा सुनाई है।