नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

सागर, 16 जून। तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी कमलेश पटैल को दोषी करार देते हुए धारा 376(1) भादंवि के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 342 के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 506 (भाग-2) के तहत पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, अजा एवं अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(2)(व्ही) के तहत आजीवन सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(2)(व्ही-ए) के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका के पुर्नवास के लिए उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर चार लाख रुपए दिए जाने का आदेश दिया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन एवं प्रकरण की विवेचना तत्कालीन सीएसपी मकरोनिया मनभरण प्रजापति ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि सूचनाकर्ता (बालिका) ने थाना गोपालगंज में रिपोर्ट लेख कराई कि स्कूल जाने के दौरान उसकी जान-पहचान अभियुक्त कमलेश पटैल से हो गई थी। फिर करीब माह नवंबर 2019 से उसकी व अभियुक्त कमलेश की बातचीत होने लगी, अभियुक्त ने उसे बात करने के लिए की-पैड मोबाईल भी दिया और उससे शादी करने की बात कहने लगा। बालिका द्वारा शादी करने से मना करने पर अभियुक्त मर जाने की धमकी देने लगा। 20 फरवरी 2020 के रात करीब आठ-नौ बजे अभियुक्त कमलेश ने उसे फोन करके मिलने के लिए कहा तथा बालिका के मिलने आने पर वह बालिका को अपने घर ले गया और बालिका से शादी करने या भाग चलने के लिए कहने लगा। तब बालिका ने कहा कि वह उसके घर वालों की मर्जी के बिना शादी नहीं करेगी, फिर अभियुक्त ने घर का दरवाजा बंद कर दिया और रात के करीब 10 बजे उसके साथ जबरदस्ती गलत काम (दुष्कर्म) किया तथा बालिका द्वारा घटना के बारे में उसके घर वालों को बताने पर अभियुक्त ने उसे व उसके घर वालों को जान से मारने की धमकी दी। जिससे उसने डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया। 17 मार्च 2020 को करीब 12 बजे जब बालिका 12वीं का पेपर देकर लौट रही थी तो अभियुक्त कमलेश उसे रास्ते में मिला और उसने बालिका से शादी करने के लिए कहा तथा शादी न करने पर बालिका को बदनाम करने की धमकी देने लगा। तब बालिका ने उसके घर जाकर उसकी मां, बहनों व भाई को घटना के बारे में बताया एवं 18 मार्च 2020 को उसकी मां, बहन एवं भाई के साथ पुलिस थाना जाकर रिपोर्ट की। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना गोपालगंज पुलिस ने धारा 342, 376, 506 भादंसं, धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू), 3(2)(व्ही) अजा एवं अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।