सागर, 16 जून। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने नाबालिग बालिका के साथ छेडखानी करने वाले आरोपीगण सोनू पुत्र लालचंद अहिरवार, बहादुर पुत्र शेखर अहिरवार एवं राजवीर पुत्र हरिचंद अहिरवार को दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि, सहपठित धारा 34 के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास व 200 रुपए अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 9(जी), सहपठित धारा 10 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडि़ता) ने थाना मकरोनिया में रिपोर्ट लेख कराई कि 16 अप्रैज 2021 को शाम 4:45 बजे जब वह अपनी छोटी बहिन के साथ कोचिंग करके घर वापस आ रही थी तभी रास्ते में आरोपी बहादुर अहिरवार (विधि का उल्लंघन करने के लिए अभिकथित बालक), सोनू अहिरवार व राजवीर अहिरवार निवासीगण कोरेगांव आए और आरोपी बहादुर उससे कहने लगा कि वह उसके साथ घूमने चले। पीडि़ता द्वारा मना करने पर आरोपी सोनू ने बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया, जब उसने अपना हाथ छुड़ाया तो आरोपी बहादुर अहिरवार और राजवीर दोनों मिलकर उससे कहने लगे कि यदि वह उनके साथ नहीं चलेगी तो उसे व उसके परिवार को जान से खत्म कर देंगे। मौके पर घटना उसकी छोटी बहिन व आस-पास के लोगों ने देखी सुनी है। तब पीडि़ता ने घर वापस आकर गुस्से में घर में रखी कीड़े मारने वाली दवा खा ली। जिससे उसकी तबीयत खराब होने लगी तो उसके माता-पिता आ गए जिन्हें उसने सारी घटना बताई फिर वे लोग उसे इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गए, जहां उसका प्रारंभिक इलाज हुआ, फिर वहां से वे लोग तिली अस्पताल सागर गए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मकरोनिया पुलिस ने आरोपी सोनू अहिरवार, बहादुर अहिरवार, राजवीर अहिरवार के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354, 354(ए)(प), सहपठित धारा 34, 506 (भाग दो) एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 9जी, सहपठित धारा 10 के अंतर्गत अपराध आरोपीगण के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।