सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत कर राष्ट्रीय निर्माण में बाबा साहब का महत्वपूर्ण योगदान रहा : डॉ. भागीरथ प्रसाद
भाजपा ने अटेर विधानसभा क्षेत्र में मनाई डॉ. अंबेडकर की जयंती
भिण्ड, 14 अप्रैल। भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने समाज को संविधान के माध्यम से नई ऊर्जा प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्मवाद एवं उनके अंत्योदय विचारों के साथ अंतिम छोर के खड़े व्यक्ति को अग्रिम पंक्ति में विकास की मुख्यधारा से जोडक़र उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। जितनी योजनाएं भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने दीं, उतनी कांग्रेस की सरकारें ने नहीं दे पाईं और हमेशा दलित पिछड़ा और शोषित की बात करने वाली कांग्रेस ने उनके वोट बैंक पर राजनीति कर विकास की मुख्यधारा से दूर रखा। यह उद्गार प्रदेश सरकार के सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया ने अटेर विधानसभा क्षेत्र द्वारा आयोजित कलश मैरिज गार्डन में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती समारोह में संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
सहकारिता मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा कि बाबा साहब के विचारों को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाकर केन्द्र और राज्य सरकार की उनकी योजनाओं से लाभान्वित करें। डॉ. भीमराव अंबेडकर को कांग्रेस ने संसद में जाने से रोककर अजा दलित और शोषितों के साथ विश्वासघात किया और उनका संपूर्ण जीवन इस राष्ट्र और समाज सेवा के लिए समर्पित होकर समाज को शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा से जागृत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद ने कहा कि भीमराव अम्बेडकर 14 अप्रैल 1891 से छह दिसंबर 1956 डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाज सुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। अम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे।
मप्र बीज विकास निगम के उपाध्यक्ष डॉ. राजकुमार कुशवाह ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियां प्राप्त कीं तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किए थे। व्यावसायिक जीवन के आरंभिक भाग में ये अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवं वकालत भी की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में अधिक बीता। इसके बाद अम्बेडकर भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और चर्चाओं में शामिल हो गए और पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत की और भारत के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दतिया जिले की प्रभारी सरोज जोशी ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर हिन्दू पंथ में व्याप्त कुरीतियों और छुआछूत की प्रथा से तंग आकार सन 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था। सन 1990 में उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। 14 अप्रैल को उनकी जयंती के तौर पर भारत समेत दुनियाभर में मनाई जाती है। डॉ. अम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं।
भाजपा नेताओं ने समाज को जागृत कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विकास जनकल्याणी योजनाओं का लाभ लेते हुए आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समाज को भ्रमित कर उनके वोट पर राजनीत चला रही है। मैं समाज के लोगों से कहना चाहता हूं जिस कांग्रेस बसपा सपा जैसे जातिगत राजनीति वालों ने आपके समाज का शोषण किया और कांग्रेस की सत्ता और संगठन में कभी समाज के लोगों को नेतृत्व प्रदान नहीं किया। भाजपा की सरकारों में अजा/अजजा, पिछड़ा वर्ग समाज से जुड़े नेताओं को सत्ता और संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ उन्हें नेतृत्व करने का प्रधान किया है, जो कि आज समाज के गौरव बनकर देश और प्रदेश का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब लोकसभा सदन में अजा/अजजा, पिछड़ा वर्ग से बनाए गए केन्द्रीय मंत्रियों का परिचय सदन में करा रहे थे तब कांग्रेस की सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं ने परिचय नहीं होने दिया। इससे यह प्रमाणित हो गया था कि कांग्रेस पूर्णत दलित विरोधी है।
स्वागत भाषण में समाजसेवी देवेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा कि बाबा साहब ने सामाजिक समरसता का संदेश देकर हम सबको आगे बढ़ाने का काम किया है। अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से समाज को शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा दी। कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष शिवराज सिंह यादव, थानसिंह भदौरिया, मण्डल अध्यक्ष संतोष सिंह तोमर, शैलेन्द्र सिंह भदौरिया, शैलेन्द्र पालीवाल, रायसिंह नरवरिया, राजीव भदौरिया सहित मातृशक्ति मौजूद थी।