दंदरौआ धाम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में हो रहे हैं प्रवचन
भिण्ड, 14 अप्रैल। भगवान भक्तों के बस में रहते हैं, वे हमेशा अपने भक्तों का ख्याल रखते हैं, जब-जब संसार में पाप और अत्याचार बढ़ता है तब भगवान श्रीहरि किसी ना किसी रूप में संसार में अवतार लेकर भक्तों के संकट दूर करते हैं। जब कंस के पाप, अत्याचार का घड़ा भर गया, तब भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लेकर कंस का अंत किया। लोगों को कंस के अत्याचार से मुक्ति मिली। यह उद्गार दंदरौआ धाम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान भागवताचार्य श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामभूषण दास महाराज ने प्रवचन में व्यक्त किए।
श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत श्री रामदास महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहा कि मनुष्य का जीवन बिना सत्संग के नहीं चल सकता हैं। सत्संग से हमें धर्म पर चलने की प्रेरणा मिलती है। सत्संग का अर्थ है सभी मनुष्य मिलकर चलें इसलिए मनुष्य को हमेशा सत्संग करते रहना चाहिए। मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षत स्व श्रीमती विमला देवी-बृजमोहन शर्मा (मुन्ना) है। इस मौके पर राजकुमार शास्त्री, गिरजाशंकर शर्मा, कुलदीप शर्मा, जलज त्रिपाठी, अशोक थापक, प्रशांत शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।