प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि की बात न सुनना दुर्भाग्यपूर्ण : त्रिपाठी

भिण्ड, 18 मार्च। मप्र की भाजपा सरकार के शासन में प्रशासनिक अधिकारी अपनी मनमर्जी के मालिक हैं, वह जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों की जनहितैषी बात को सुनते नहीं है।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में नगर कांग्रेस के अध्यक्ष संतोष त्रिपाठी ने कहा कि पिछले कुछ समय से भिण्ड जिले की जिला पंचायत सहित तमाम जनपदों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में नियुक्त अधिकारी और कर्मचारी जनहितैषी मुद्दों पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बात को अनसुना कर मनमर्जी करते हैं। इससे जिला, जनपद पंचायतों, नगर पालिका और नगर परिषदों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, इस भ्रष्टाचार के कारण आम जनता को अपने काम पैसे देकर कराना पड़ रहा है। ग्रामों में जारी मनरेगा में भारी हेराफेरी हो रही है, जिससे आमजन को बहुत परेशानी है। ग्राम पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार सचिव से लेकर जिला, जनपद, नगर पालिका और नगर परिषदों के मुख्य अधिकारियों तक व्याप्त है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि भिण्ड में हाल ही में बीजेपी समर्थित जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की जनपद सीईओ से जनहितैषी मुद्दों को लेकर का घटनाक्रम थाने तक पहुंच जाता है, इससे यह सिद्ध होता है कि सत्ता पक्ष के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अधिकारी बात नहीं सुन रहे हैं, तो कांग्रेस सहित अन्य दलों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की कितनी सुनवाई होती होगी। इससे समझा जा सकता है कि जिला, जनपद, नगर पालिका, नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराकर कांग्रेस की जनहितैषी सरकार लाने पर ही राहत मिलेगी।