भाविप शाखा भिण्ड के संस्कृति सप्ताह के शुभारंभ पर काव्य निशा आयोजित
भिण्ड, 18 मार्च। भारत विकास परिषद शाखा भिण्ड के संस्कृति सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर शुक्रवार की रात्रि में डांक बंगला रोड स्थित किशोरी विद्यालय के प्रांगण में काव्य निशा का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ परिषद के संरक्षक डॉ. विनोद सक्सेना तथा अध्यक्ष डॉ. साकार तिवारी के साथ सभी कवियों ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर किया। साथ सरस्वती वंदना का गायन भी किया।
कार्यक्रम में प्रख्यात गीतकार संतोष अवस्थी अंश ने स्वरचित गीत- ‘डाल-डाल डोले महंगाई, पात-पात पर भ्रष्टाचार, देश के हित की नीति जब हर एक जन अपनाएगा राम प्रगट होगा भारत में राम राज्य आ जाएगा’ पढ़ा। उन्होंने एक और गीत सुनाते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया ‘पाश्चात्य सभ्यता घर आई, सारे अर्थों को बदल दिया, मिनरल वाटर तो स्वच्छ हुआ, गंगा प्रदूषित कहलाई, पावनता अगर ना होती तो शिव शंभू शीश नहीं धरते, पतित पावनी कहलाई, सुनते हैं पतित भी है तरते।’ इसी क्रम में गीतकार चंद्रशेखर कटारे ने अपने छंद और मुक्तकों से सुंदर रचना पाठ करते हुए कहा कि ‘मन में लगन कछु शेष ना सजन, तुम्हें भरके नयन कुछ एक बार देख लेते हमारी’। नवांकुर कवि साक्षी जैन ने बेटी और मां पर केन्द्रित कविता पढ़ी। शायर डॉ. मुकेश शर्मा ने होली पर दोहे और गजलें पढ़ी।
कार्यक्रम संयोजक व कवि राधेगोपाल यादव ने व्यवस्था तथा राजनीति पर करारा व्यंग्य गीत पढ़ा- ‘स्वान समझकर टुकड़ा-टुकड़ा डाल रहे हैं।’ गीतकार प्रदीप बाजपेई युवराज ने दहेज पर केन्द्रित गीत तथा होली और बसंत पर मुक्तक पढ़ कर श्रोताओं को आनंदित किया। इसी क्रम में गीतकार प्रदीप दीक्षित ने गाय, गंगा पर गीत रचना पढ़ी तथा डॉ. सुनीलकांत त्रिपाठी निराला ने अपने क्रम में हास्य व्यंग के साथ ही ऐतहासिक पन्ना धाय के अमर चरित्र पर मार्मिक गीत पढ़ा- ‘तो मेवाड़ नहीं बच पाता जो पन्नाधाय नहीं होती’। संचालन कर रहे गीतकार राम कुमार पाण्डे ने नव संवत्सर पर गीत पढ़ा कि ‘भारत के कोने कोने में घर-घर उत्सव आया है, नव संवत्सर आया देखो नव संवत्सर आया है।’ कार्यक्रम के अंत में देश के प्रख्यात शायर महावीर तन्हा ने सुंदर शेर और गजलों से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया, उन्होंने कहा कि ‘खुद को तीरंदाज समझना है कितना आसान, तीर निशाने पर बैठाना कितना मुश्किल है, गर्मी में भी छत का पंखा बंद रखा, कमरे में चिडिय़ों का आना जाना है।’
कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित सभी श्रेष्ठ कलमकार व कवियों को परिषद के पदाधिकारियों द्वारा प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में परिषद के अध्यक्ष डॉ. साकार तिवारी, सचिव धीरज शुक्ला, पूर्व प्रांतीय पदाधिकारी श्रवण पाठक, पत्रकार गणेश भारद्वाज, जयदीप सिंह फौजी, मनोज दीक्षित, राजीव त्रिपाठी, दिलीप सिंह, शैलेन्द्र शर्मा, मोहित दीक्षित, प्रतीक मिश्रा, महेश मिश्रा, गगन शर्मा, राहुल यादव, ऊषा नगरिया, कैलाश नगरिया, साकेत सक्सेना, नितिन दीक्षित सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
बीमार गायों के लिए उलब्ध कराईं दवाएं व चारा
संस्कृति सप्ताह के दूसरे दिन शनिवार की सुबह स्थानीय मंशापूर्ण गौशाला पर परिषद के सदस्य व पदाधिकारियों ने बीमार गायों के इलाज हेतु आवश्यक दवाएं, गुड़ व हरा चारा उपलब्ध कराया। इस अवसर पर गौ पूजन कार्यक्रम संयोजक अनिल शर्मा व प्रदीप सोनी ने किया।