बारिश का पानी भरने से परिजनों के खेत तक नहीं पहुंच सकी शवयात्रा
भिण्ड, 25 जुलाई। जिले के अजनौल गांव से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैंं। यहां एक वृद्ध महिला को मरने के बाद अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम तक नसीब नहीं हुआ, जिसके चलते परिजनों को बीच सड़क पर ही उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा। बताया जा रहा है कि आज तक गांव में मृतकों को जलाने के लिए शांतिधाम ही नहीं बनाया गया है, जबकि इसी विधानसभा क्षेत्र के विधायक ओपीएस भदौरिया प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हैं।
जिले के अजनौल गांव के निवासी हरभजन सिंह की मां बिटोली बाई का गत दिवस निधन हो गया। मृतक के अंतिम संस्कार की बारी आई तो शांतिधाम तो है ही नहीं और खेतों में बारिश की वजह से पानी भर जाने से वहां भी अंतिम क्रिया नहीं की जा सकी। ऐसे में गुस्साए और परेशान ग्रामीणों ने अजनौल के आम रास्ते पर सड़क पर ही अंतिम संस्कार कर दिया। अब ग्रामीणों की एक बार फिर मांग है कि कोई उनकी सुनवाई कर ले और गांव में एक मुक्तिधाम बनवा दे। हरभजन सिंह को अपनी वृद्ध मां की मौत का इतना दुख नहीं है, जितना दुख गांव में मुक्तिधाम ना होने के चलते उनका अंतिम संस्कार भी रीति-रिवाज से ना हो करके बीच सड़क पर करना पड़ा।
गुहार के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
मप्र सरकार ग्रामीण इलाकों को विकसित कराने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन जिले के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र का ग्राम अजनौल के निवासी आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हंै। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इस संबंध में गांव के सरपंच, जनपद में मौजूद अधिकारियों से गुहार लगाई है, लेकिन किसी से सुनवाई नहीं होती है। जब किसी का कोई परिजन स्वर्ग सिधार जाता है तो उसका अंतिम संस्कार अपने-अपने खेतों पर कर लेते हैं। बारिश के मौसम में तो परिस्थितियां ऐसा भी नहीं करने देतीं। आज भी कई लोग गांव में ऐसे हैं जो भूमिहीन हैं, वे बेचारे क्या करें।
इनका कहना है-
अजनौल में स्थिति सिस्टम की खामियों की वजह से शर्मसार कर देने वाली स्थिति से ग्रामीणों को गुजारना पड़ा है। आज भी लोग इन परिस्थितियों में जी रहे हैं, जबकि प्रदेश की भाजपा सरकार अंतिम छोर के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के दावे करती है, तो ऐसी तस्वीरे उनकी पोल खोलती हैं। जहां मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोग तरस रहे हैं।
मानसिंह कुशवाहा, कांग्रेस जिला अध्यक्ष
मामला उनके संज्ञान में आया है और जांच करवा रहे हैं। अगर गांव में वाकई मुक्तिधाम नहीं है तो उसके निर्माण की जल्द से जल्द प्रक्रिया की जाएगी। और कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
वरुण अवस्थी, एसडीएम मेहगांव