नारियों ने देश को राणा, शिवा, शेखर दिए, मान्यवर मंत्री महोदय बोलना तो सीख लो…

दंदरौआधाम में सिय-पिय मिलन महोत्सव के दौरान आध्यात्मिक कवि सम्मेलन आयोजित

भिण्ड, 28 नवम्बर। दंदरौआधाम में इन दिनों गुरु महाराज 1008 पुरुषोत्तमदास की पुण्य स्मृति में आयोजित हो रहे 25वे वार्षिक महोत्सव के अवसर पर सिय-पिय मिलन महोत्सव के दौरान पं. रमाकांत व्यास के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है।
इसी क्रम में दंदरौआ धाम में विराजमान डॉ. हनुमानजी तथा श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामदास जी महाराज के आशीर्वाद से मप्र लेखक संघ भिण्ड द्वारा सारस्वत अनुष्ठान काव्य उजास का आयोजन साहित्यकार डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला के संयोजन व संचालन में शनिवार की रात किया गया। इसमें लहार के रोलाकार जितेन्द्र त्रिपाठी अमित, गोरमी के व्यंग्यकार डॉ. अनिल जैन, भिण्ड के गजलकार किशोरीलाल बादल, ग्वालियर के बुंदेली रचनाकार डॉ. अरविंद बरुआ, भिण्ड के युवा हस्ताक्षर आशुतोष शर्मा नंदू तथा दबोहा के श्रृंगारिक कवि हेमंत जोशी नादान ने कविता पाठ किया।
डॉ. निराला ने राजनेताओं को नसीहत देते हुए कहा-मुंह को आप ढंग से, खोलना तो सीख लो, शब्द होता ब्रह्म इसको, तौलना तो सीख लो। नारियों ने देश को राणा, शिवा, शेखर दिए, मान्यवर मंत्री महोदय, बोलना तो सीख लो। इस मौके पर दंदरौआ धाम के रामबरन पुजारी ने आशीर्वचन, मिहोना के डॉ. ओम पचौरी ने उद्घाटन उद्वोधन तथा आचार्य पवन शास्त्री ने आभार व्यक्त करते हुए गोरमी के प्रसिद्ध लकवा विशेषज्ञ डॉ. मिश्रा, ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र कुमार दुबे, राघव खेमरिया के साथ कवियों का शॉल, श्रीफल तथा माननिधि भेंटकर सम्मान किया।