कर्म ही ईश्वर की भक्ति है : महंत रामभूषण दासजी

ग्राम पतलोखरी में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 25 नवम्बर। मेहगांव क्षेत्र के ग्राम पतलोखरी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामभूषण दास जी महाराज ने श्रोताओं को बताया कि दो अंक का बड़ा महत्व होता है, क्योंकि दो पूर्ण परमब्रह्म हैं, राम और कृष्ण और दो ही भक्त है, जटायु और भीष्म पितामह है और ये भक्त श्रेष्ठ केवल अपने कर्म से हुए है, इसलिए कर्म ही ईश्वर की भक्ति है। मनुष्य को पूजा पाठ और धर्म कार्य के साथ ही कर्म करना चाहिए। इसी के साथ महाराज श्री ने परीक्षत की जन्म की कथा सुनाई। कथा स्थल पर आयोजक रामाजी भारद्वाज के साथ संत श्रीश्री 1008 कमलदास महाराज जी, पुजारी रामलखन दास महाराज, रामभजन महाराज मुख्य रूप में उपस्थित रहे।

रतवा में विशाल भण्डारे के साथ श्रीमद् भागवत कथा का समापन

मौ। नगर के निकटवर्ती ग्राम रतवा में श्री सीताराम महाराज के स्थान पर श्रीमद् भागवत कथा का सातवे दिन कथावाचक पं. रमाकांत व्यास जी महाराज ने कथा समापन समारोह पर कहा कि जीवन में भगवान की कृपा से अच्छे कार्य करने में लगाना चाहिए। दीन-दुखियों कि सेवा भाव में समर्पित रहना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा के समापन के पश्चात विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया।